जब तक चले श्वास रे जोगी
रहना नज़र के पास रे जोगी
बंधाकर सबको आस रे जोगी
कौन चला बनवास रे जोगी
हर सू फ़र्ज़ से सुरभित रहे
घर दफ्तर न्यास रे जोगी
सदियों तक ना प्यास जगे
यूँ बुझाओ प्यास रे जोगी
टूटे हिम्मत फिर से जुड़ेंगे
खोना मत विश्वास रे जोगी
जो भी पहना दिखता सुन्दर
तहजीब का लिबास रे जोगी
वही पुराने भाषण मुद्दे
कुछ भी नहीं ख़ास रे जोगी
कुछ भी नहीं ख़ास रे जोगी
प्याज-चीनी सब महंगा है
शुरू करो उपवास रे जोगी
-सुलभ