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अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्

Thursday, March 11, 2010

दर्द अपना मिल कर बाँट लेंगे


दर्द अपना मिल कर बाँट लेंगे
ये जिंदगी प्यार से काट लेंगे

ज़रा आसमान से उतर कर देखो
खाई गहरी नहीं है पाट लेंगे

सब अपने ही खेत से निकले हैं
जो सड़े हैं उनको छांट लेंगे

राजा कबतक महल में टिकेगा  
(दिखावा कबतक चेहरे पे टिकेगा)
वक़्त के दीमक सब चाट लेंगे 
 - सुलभ

Wednesday, March 10, 2010

डोमेन/वेबसाईट से जुड़े कुछ सवाल जवाब:


हिन्दी ब्लोगर्स के लिए सूचना...




हालंकि मैंने स्पेशल डिस्काउंट सिर्फ हिंदी ब्लोगर्स के लिए रखा है…जो ब्लोगर नहीं है मगर उनके परिचित हैं वे भी इस छुट का लाभ ले सकते हैं... वेब स्पेस न्यूनतम
750/- रु. सालाना देय होगा(with MySql database)… साथ ही 1000 MB इमेल सेवा के साथ…(उदाहरण vats@panditastro.com)
कुछ काम के सोफ्टवेयर का हिंदी वर्जन भी उपलब्ध कराया जायेगा...

डोमेन/वेबसाईट से जुड़े कुछ सवाल जवाब:

@ प. वत्स जी:

आप कोई भी पॅकेज लेते हैं तो उसके साथ आपको संचालन के लिए समस्त जानकारी और आपका नियंत्रण कक्ष युजर नाम/पासवर्ड के साथ भेजा जाएगा. स्वयं संचालन के लिए इमेल/फ़ोन पर ट्रेनिंग दिया जायेगा.

@डोमेन का फायदा?
यहाँ मैंने डोमेन को जरुरी फायदे के लिए नहीं बताया. मकसद ये था की कोई साथी सस्ते में वेबसाईट बनवाना चाह रहे हों, और जानकारी का अभाव है, तो इसके लिए मैं सहयोग कर सकता हूँ.



  • फायदा ये है, की यदि आप अपने ब्लॉग को डाइरेक्ट वेबसाईट का शक्ल देना चाहते हैं तो इसके लिए आपका अपना डोमेन जरुरी है. आपके कंटेंट की सुरक्षा और कोपीराईट के लिए भी अधिकृत डोमेन कारगर होता है.
  • सर्च इंजिनों में आपके नाम से या आपके विषय से खोज करने पर आपको प्राथमिकता मिलती है.
  • आगे चलकर किसी भी विज्ञापन एजेंसी से ऑनलाइन विज्ञापन/मार्केटिंग एक्सचेंज कर सकते हैं.
  • डोमेन लेना और अपना वेबसाईट बनाना उनके लिए श्रेयस्कर होगा जो अपने ब्लोगिंग को नियमित विस्तार देना चाहते हैं. ये उनके लिए नहीं जो सिर्फ शौकिया और टाईम-पास ब्लोगरी करते हैं. चूँकि इसमें सालाना खर्चा (सर्वर होस्ट किराया) लगता है अतः: ये आपको अपने ब्लोगिंग (नियमित सामग्री लेखन) के प्रति आपको जिम्मेदार बनाता है. वैसे भी मुफ्त के माल को सभी लोग सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते. जो मिला बहुत मिला में खुश रहते है. इसके दूरगामी प्रभाव को नजरअंदाज करते हैं. यदि आप में जूनून है आप समाज,ज्ञान और अपने पेशा/बिजनेस को जोड़कर आगे तरक्की करना चाहते हैं तो अपना वेबसाईट बनाकर करें... क्यूंकि अब ज़माना इ-लर्निंग, इ-रीडिंग, इ-राईटिंग का है.

अभी मुझे डिस्काउंट मिल रहा है, और मैं वेब डिजाइन/डेवलपमेंट/अनुप्रयोग में स्वयं को दक्ष समझता हूँ इसलिए मैंने समस्त ब्लोगर से साझा करना जरुरी समझा.

आपका सहयात्री
सुलभ

Friday, March 5, 2010

(क्यों सिर्फ) बहादुर जवानों पर आस है


बाढ़ का पानी तो हर साल एक महीने के लिए आता है, और कुछ ले दे कर चला जाता है... मगर उत्तर बिहार के वासियों के आंसूं कब थमेंगे पता नहीं...  ऊपर से महंगाई भी घटने का नाम नहीं ले रही... मेरे कुछ वरिष्ठ साथी भी किन्ही कारणों से नाराज चल रहे हैं...  जाहिर सी बात है ऐसे में हमसे कोई कविता, ग़ज़ल नहीं लिखा जायेगा... पर उनका दर्द तो बताना ही होगा, जिनके पास उनके अपने गाँव में सब कुछ होता है लेकिन सिर्फ गंवाने के लिए. खेत फसल, लघु उद्योग, परिवार से दूर होकर शहर में ठोकरें खाने के लिए आ जाते हैं... 


ठोकरें खाती सांस है 
जिंदगी बदहवास है 

मंजिल को ढूंढ़ रहा  
सफ़र थका उदास है

बाढ़ ने बेघर किया
अब परदेस में वास है 

महंगाई सरपर खेल रही
किसको भूख प्यास है 

जूतों तले रौंदा गया
कमजोर लाचार घास है

आंसू भी कैसे निकले
बच्चे आस पास है

मेले में घूमते नारे-वादे 
गुम हुआ विकास है 
अगली पंक्तियाँ हमारे वर्तमान सरकार के लिए, जिनके सामने राष्ट्राभिमान की कोई कीमत नहीं है... 
दुश्मन संधि कर लेंगे ?
अबकी कूटनीति खास है

बम बारूद से घिरा भारत
बहादुर जवानों पर आस है
***
- सुलभ 


लिंक विदइन

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जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "