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अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्
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Thursday, July 21, 2011

भारत वर्ष !



जब आंतरिक मामले हों कमजोर 
और हास्यास्पद हो विदेश नीति
अनुशाशन शुचिता क़ानून प्रबंधन 
शून्य हों राजनैतिक इच्छाशक्ति 

भ्रष्टाचार के नशे में धुत गाड़ीवान 
जब हम बैलों के ऊपर बोझ लादे 
जबरन पिलाए रोज दूषित पानी
और शाम बारूद के उपर खूंटे बांधे 

इसे आजादी का चरमोत्कर्ष कहिये 
विशाल लोकतंत्र भारत वर्ष कहिये !!
 - सुलभ

Friday, October 16, 2009

दिवाली में साम्य (क्षणिकाएं)




घर में श्रीमती के हाथो फूल-पत्ते गूँथ कर
श्रद्धा के सहारे लक्ष्मी को बुलाया जा रहा है
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

बाहर श्रीमान के हाथो 'फुल पत्ते' पीस कर
संयोग के सहारे लक्ष्मी को बुलाया जा रहा है
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~



~~~~~प्रकाशपर्व मंगलमय हो!~~~~~~

Friday, October 2, 2009

सिर्फ एक परिवर्तन आया है - महात्मा गांधी



गांधी जी आज कहते हैं -

भारत के राजनीत में
सिर्फ एक परिवर्तन आया है
की अहिंसा का ''
सत्य के पहले छाया है !

Sunday, July 19, 2009

राईटर बनाम कंप्युटर - व्यंग्य कविता



कोई कहता है - मैं एक लीडर हूँ, कोई कहता है - फटीचर हूँ तो किसी के नज़र में मैं घनचक्कर हूँ ।
मैं आपको बता दूँ - ना तो मैं लीडर हूँ, न फटीचर या न ही कोई घनचक्कर हूँ ।
मैं तो सिर्फ़ एक कंप्यूटर हूँ।

यह सुन एक सज्जन बोले - आप कंप्यूटर कैसे हैं? हमे थोड़ा समझायेंगे, ज़रा खुलासा करके बताएँगे।

इस पर मैंने कहा - आप सूचना युग में नये मालूम पड़ते हैं, लगता है आप कंप्यूटर का इस्तेमाल नही करते हैं।
असल में मैं 'सातवें जेनरेशन का कंप्यूटर' हूँ जो अभी इस संसार में नही आया है।

सज्जन ने आश्चर्य से अपना मुंह खोला और जिज्ञासा से बोला - सातवें जेनरेशन का कंप्यूटर, ये कैसा होता है?
मैंने कहा - ये दिखने में हम इंसानों जैसा ही होता है। और एक बात पर आप जरूर गौर फरमायें। मुझमे और उस सातवें जेनरेशन के कंप्यूटर में है बहुत सारी समानताएं।

वो बहुत तेज़ गति से गणनाएं कर लेता है, नेचर में सुपर फार्स्ट है।
वैसे मेरे प्रोसेसिंग स्पीड भी फर्स्टक्लास है।
वो कंप्यूटर सेकंड भर में चाँद पर से सूचनाएं ले आएगा।
मुझसे भी आप जो मांगो पल भर में मिल जाएगा।
उसके पास बहुत कैपसिटी वाली मेमोरी होगी, जिसमे वो अनगिनत डाटा सेव कर सकता है।
मेरा ह्रदय भी विशाल है जहाँ भावनाओं का समंदर ठहर सकता है।
उस कंप्यूटर के बॉडी में उसके निर्माता कंपनी का लोगो शीट होता है।
अलबत्ता मेरे प्रमाण-पत्रों पर भी मेरे पिता का नाम फिक्सड होता है।

उसके पास एक महत्वपूर्ण चीज़ होती है - मदरबोर्ड। जिसके बिना वो चल नही सकता, जिसके बगैर वो बेजान है।

मेरे पास भी एक मदर (माँ) है जिसके बिना मेरी दुनिया वीरान है।

हम दोनों में एक और बात ख़ास है - लिखने बोलने के अलावा सोचने वाला सोफ्टवेयर भी साथ है।

उस विलक्षण कंप्यूटर को आप जितना भी इस्तेमाल करले वो कभी पुराना नही होगा, कभी ख़त्म नही होगा।
मुझे भी आप जितना चाहो यूज कर लो मेरी कीमत कभी कम नही होगी, मेरा हौसला पस्त नही होगा।

भविष्य का वह कंप्युटर इतना स्मार्ट होगा की यदि आप उसमे शब्द इनपुट करेंगे तो वह आउट पुट मे कवितायें
बनाएगा। मुझे भी आप दर्द और तकलीफें दो तो मैं भी नॉन-स्टाप कवितायें सुनाऊंगा।

इतनी सारी समानताएं होने के बाद भी मुझमे और उस सातवें जेनरेशन के कंप्यूटर में कुछ मौलिक अन्तर होगा।

भले ही वो जीरो मेंटेनेंस पर फुल्ली ऑटोमेटिक हो, मगर उसको वो ही खरीद पायेगा जिसके पास दिमाग और जेब में हजारो का बज़ट हो। लेकिन मुझे तो एक अनाड़ी भी खरीद सकता है, शर्त सिर्फ़ इतनी की उसके दिल में प्यार और इज्ज़त हो।

माना की वह मेडिकल और फाइनेंस के जटिल मामले क्षण भर में सुलझायेगा मगर मेरी तरह खेतों में चने कहाँ से उगायेगा। वो भले ही विद्वान् अर्थशास्त्रियों की तरह लंबे भाषण दे दे लेकिन गरीब भूखी जनता के लिए राशन कहाँ से लायेगा।

वो एडवांस कंप्यूटर बच्चो को मैथ जरूर सिखायेगा लेकिन उसे जंगल की परियों वाली कहानियाँ नही सुनायेगा ।
और जब देखेगा वो आपकी आंखों में आंसू तो उसे पोछने अपना हाथ नही बढ़ाएगा।
क्योंकि वो सातवें जेनरेशन का एक मशीन होगा जिसे लोग कंप्यूटर बोलेंगे ।
और मैं आज के जेनरेशन का एक इंसान हूँ जिसे लोग कवि या राईटर बोलेंगे ॥

लिंक विदइन

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जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "