गुजरा वक़्त कब लौटा है
आंसू बह जाने के बाद
दीवानों के घर नहीं बसते
साकी औ' मयखाने के बाद
खिलौने अकेले में रोते हैं
बच्चों को हंसाने के बाद
पास कोई नज़र नहीं आता
आँखें बूढी हो जाने के बाद
यादों की उमर बढ़ती है
बचपन याद आने के बाद
"सुलभ" किसको क्या मिला
दिल किसी का दुखाने के बाद
(सतरंगी फिलोसफी से कुछ पंक्तियाँ )