पश्चिम से आयातित यह पर्व शुरुआत में वहां उम्र दराज लोग मनाते थे. बाजारवाद ने सब कुछ पलट कर रख दिया है. भारत में कदम रखने के साथ ही सैंट वेलेंटाइन डे, १४ फरवरी प्रेम दिवस बनकर छा गया.
वेलेंटाइन एक रोमन परिवार का नाम Valentinus, जो लैटिन शब्द(पुल्लिंग शब्द) valens, जिसका अर्थ है 'मजबूत और स्वस्थ' नाम से व्युत्पन्न है. " वेलेंटाइन रोमन कैथोलिक चर्च के कई संतों के नाम थे. सेंट वेलेंटाइन दिवस तीसरी सदी में एक शहीद के लिए नामित किया गया था. फ्रांस में यह लड़कियों के लिए भी प्रयोग में है. नाम का सामान्य स्त्री रूप Valentina है. जैसे "Will you be my Valentine" (क्या तुम मेरी महबूबा बनोगी?)
पहली बार वर्ष 1999 में पटना प्रवास के दौरान मैंने VALENTINE DAY सुना था और उस समय वातावरण में इसके प्रभाव से परिचित कुछ लोगों को देखा था.
ख़ैर दो तस्वीरे हैं मेरा मतलब कवितायें हैं....
कभी लिखा था एक अंग्रेजी कविता जिसका हिन्दी अनुवाद भी जैसे तैसे साथ में दे रहा हूँ. देखिये कैसी रही.
अनुवाद:
ख़ैर आज जो मैं बताना चाह रहा था, आधुनिकता से लबरेज बाजारवाद की, जहाँ बच्चे किशोर युवा सभी गिरफ्त में हैं... आफ्टर इफेक्ट्स आफ वेलेंटाइन
ख़ैर दो तस्वीरे हैं मेरा मतलब कवितायें हैं....
कभी लिखा था एक अंग्रेजी कविता जिसका हिन्दी अनुवाद भी जैसे तैसे साथ में दे रहा हूँ. देखिये कैसी रही.
Heartbeat high this moment.
And tongue keeps silent
Puzzles couldn't solved
Problems more involved
You feel when alone
Voices heard unknown
A soul comes your near
Love starts with fear
Environment looks nice
New dreams float in eyes
Thrill begins with new taste
Its realize you to think best
Nothing under your control
Emotions failed to withdrawal
Days and nights spent in past
And today it is blast
Yes, I am in Love...
अनुवाद:
दिल की धड़कन उच्च इस क्षण
और जुबाँ रहता है बंद
पहेलियां बुझा नहीं सका
समस्याओं से परिचय हुआ
जब आप अकेले होते हैं
अज्ञात आवाजें सुनते हैं
कोई ख़ास आपके पास आता है
प्यार भय के साथ शुरू होता है
नज़ारे अच्छे लगने लगते है
नए सपने आंखों में तैरने लगते हैं
रोमांच नए स्वाद के साथ आता है
इसका एहसास बहुत ही भाता है
कुछ भी आपके नियंत्रण में नहीं होता
भावनाए पिछे हटने से इन्कार करती है
जब आप अकेले होते हैं
अज्ञात आवाजें सुनते हैं
कोई ख़ास आपके पास आता है
प्यार भय के साथ शुरू होता है
नज़ारे अच्छे लगने लगते है
नए सपने आंखों में तैरने लगते हैं
रोमांच नए स्वाद के साथ आता है
इसका एहसास बहुत ही भाता है
कुछ भी आपके नियंत्रण में नहीं होता
भावनाए पिछे हटने से इन्कार करती है
ढेरो दिन और रात चिंतन में बीते
और आज यह विस्फोट होता है
हाँ, मैं प्यार में हूँ ...
***और आज यह विस्फोट होता है
हाँ, मैं प्यार में हूँ ...
ख़ैर आज जो मैं बताना चाह रहा था, आधुनिकता से लबरेज बाजारवाद की, जहाँ बच्चे किशोर युवा सभी गिरफ्त में हैं... आफ्टर इफेक्ट्स आफ वेलेंटाइन
EFFECTS OF IMPORTED VALENTINE DAY.
कच्ची उम्र के जोड़े घुमते लेकर हाथ अपने हाथ में
चाँद सितारों कि सैर करते अक्सर ख्वाबो में रात में
स्कूल-कालिजों में लगते दीवानी-दीवानों के मेले
सुबह-शाम इश्क मोहब्बत खाली पीली बात में
मैसेज मिसकॉल को कोडवर्ड बना गुफ्तगू करते हैं
क्लासेज सारी पूरी करते मोबाइल लेकर हाथ में
कॉफ़ी हाउस गिफ्ट हाउस सब इनसे गुलज़ार है
मीटिंग तय पार्क में कभी लाइब्रेरी अहात में
इल्मो तालिम कि हसरत ले नौजवाँ शहर को आये
आशिक बन कर घूम रहे हैं गली गली दिन रात में
***
- सुलभ
13 comments:
बड़ी अच्छी जानकारी दी सुलभ भाई आपने , कविता पढकर तो पुछिये मत क्या हुआ ।
रोचक जानकारी दी है शुक्रिया
बहुत अच्छी जानकारी है कवितायें दोनो ही अच्छी हैं मगर ये पहली वोस्फोट वाली के लिये मुबारकवाद ।
वलेंटाइन का अर्थ कोई नहीं समझता , फिर भी मनाने की होड़ सी लग गई है।
ज़माना कहाँ जा रहा है।
मै डॉ टी एस दराल जी से सहमत हुं, बस सब भेड की तरह चल रहे है, एक के पीछे सारे :)
बहुत अच्छी पोस्ट!
बहुत अच्छी और जानकारीपूर्ण पोस्ट....
bahut badhiyaa likha hai
जानकारी भी अच्छी लगी और कवितायेँ भी
आपने तो पूरा इतिहास लिख दिया ..... आपका कहना उचित है बाज़ार वाद ने सब कुछ बदल कर रख दिया है .... हर त्योहार का नज़रिया ही बदल गया है ... ये भी सही लिखा है की कच्ची उम्र के ही खेल हैं ये .... बहुत ही अच्छी पोस्ट है सुलभ जी ...
bahut accha likhte hai aap.
hamesha likhete rahe or bahut accha -2 likhey me ye kamna kerta hu bhagwaa se. lage raho bas ruko mat.
बहुत देर से आई, नहीं आती तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां छूट जातीं.
शुक्रिया . आप हमेशा दूसरों के ब्लॉग पर आकर नियमित कमेन्ट देने वालों में से हैं इसलिए बधाई के पात्र हैं , valentine डे .दोनों रचनायें सार्थक हैं.
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