आदरणीय महाबीर शर्मा, प्राण शर्मा, मंसूर अली हाशमी, डा. श्याम सखा, तिलक राज कपूर, नीरज गोस्वामी, आचार्य संजीव 'सलिल', सर्वत जमाल, राज भाटिया,राजेश चेतन, राज सिंह, समीर लाल, राकेश खंडेलवाल और स्नेही गुरु पंकज सुबीर जी के चरणों में यह पोस्ट समर्पित करता हूँ...
पिछले साल ब्लोगरों के साथ होली खेला तो था पर थोड़ी व्यस्तता और परेशानियों के बीच. इस बार पूरा फुल्टू टाइम है. आजकल हरियाणे में हूँ, उधर तरही में भी डूब उतर रहा हूँ. होली शुरू करता हूँ इस कविता से,
मन मोरा झकझोरे छेड़े है कोई राग
रंग अल्हड़ लेकर आयो रे फिर से फाग
आयो रे फिर से फाग हवा महके महके
जियरा नहीं बस में बोले बहके बहके
चहुँ ओर सुनो ढोलक तबले का शोर
शहनाई और मझीरे में खूब ठनी होड़
खूब ठनी होड़ भंग के साथ ठंडाई
बौराया देवर खाये आज सुपारी पे मिठाई
प्रेम की पिचकारी चलेगी आज कोई गैर नहीं
घुसो पड़ोसी के रसोई में अब कोई बैर नहीं
सबसे पहले तो यह बता दूँ , हम जैसे नौजवानों को ब्लॉगजगत(और काव्य-साहित्य ग़ज़ल मंच पर) में जिन बुजुर्गों का निरंतर आशीर्वाद मिल रहा है. हम ह्रदय से आभारी है. इस बार की होली गुरुजनों और ग़ज़ल बुढऊ को समर्पित है...
सतरंगी महफ़िल में होलियाने आ रहे हैं एक से बढ़कर एक बुढऊ, मेरे गुजारिश पर सब ने एक लोटा भांग पी है, दो-चार कद्दू बड़ा और एक मगही पान की गिलोरी चबाये हैं... और कुछ इस तरह फरमाए हैं...
राज भाटिया
लाल हरा पिंक गोल्डेन कलर
आ मल दूँ तुझे जर्मन सिल्वर
होली है एssss
(विशेष नोट: मुझे शिकायत है, होली के उन हुरदंगो से जो रंग फेकते समय यह ख्याल नहीं रखते की सामने कोई बुजुर्ग, वृद्ध, अपाहिज या बीमार भी हो सकता है.)
नीरज गोस्वामी
सुनो मेरी छैलछबिली मैं हूँ तेरा दीवाना
ग़ज़ल लिखे तेरे याद में अब कैसे समझाना
चल बाहर आ रंग डालूं तुझको जी भर के
खूब कमर हिलाएंगे जब तू गावेगी गाना
होली की सबको गोबड़ सहित बधाई
खाकर गुझिया पान भौजी भी बौड़ाई
गाओ मिलकर फाग 'सुबीरा' बजे ढोल तबले
नाचेंगे हम भी ठुमक के थोड़ी भंग तो चढ़ ले
हे मनमोहिनी मंदाकिनी
तू मुझको रंग लगाती जा
तेरे हम आशिक पुराने
मुझसे ताल मिलाती जा
मैं जबतक गीत लिखूं गोरी
तू तब तक भांग पिलाती जा
महाबीर शर्मा
अपनी ग़ज़लों में रवानी अभी बहोत है
बूढी हड्डियों में जवानी अभी बहोत है
देखना है तो जाओ लन्दन में देखो
'महाबीर' की वहाँ दीवानी अभी बहोत है
जोगी जी बोलो सररर सर्र ssss
बुढ़उ के कमर डोलत है
ग़ज़ल के बहाने खेलत है
दृश्य मनोहारी होवत है
जब राधे संग हो 'श्याम'
तिलक राज कपूर "राही"
शायरी अदब की बोले हंसके
भागो अपनी इज्ज़त लेके
आज ग़ज़ल को हज़ल बनाया
'राही' तुम होरी में बहके
राजेश चेतन
हैप्पी न्यू इयर - सिखा गए अँगरेज़
वेलेंटाइन डे - छा गए अँगरेज़
ले दे के एक होली बची है
जी भर के मनाओ आज
गाओ सखाओं मिलकर फाग
बोलो जी सररर सर्र ssss
आग लगे पछमी संस्कृति में
हम रंग खेलेंगे हिन्दी में
ससुर ज़ज है, दरोगा मेरा साला
आ खोल दूँ तेरे किस्मत का ताला
होली में गिरा दो सारे कानूनी विकेट
पीछे खड़ा है तेरा सीनियर एडवोकेट
जोगी जी सररर्रा सर्रSSS रSSS
आ खोल दूँ तेरे किस्मत का ताला
होली में गिरा दो सारे कानूनी विकेट
पीछे खड़ा है तेरा सीनियर एडवोकेट
जोगी जी सररर्रा सर्रSSS रSSS
लाल लाल पियर पियर रंग के बहार बा
दिल्ली डोलत बम्बई हिलत झुमत बिहार बा
ढोल तबला हारमोनियम गीत गुंजत फाग के
सम्हत होली जलाये 'सलिल' रात भर जाग के
हम हैं असली मुम्बैया
नाचेंगे ता ता थैया
हाथी घोड़ा पालकी
जय हो विक्रम साल की
(होरी चा हार्दिक शुभेच्छा)
होली में न हमें सताओ
जल्दी से ताड़ी पिलाओ
जब तक हम न बहकेंगे
शे'र कहाँ से निकलेंगे
अचानक मंच पे आ गयी हैं, बिना बुलाये हमारे चिप(sorry चीफ) गेस्ट
मल्लिका ए हिंद(उर्दू अदब)
जब तक रही मै तसकीने-हयात
कह न सके तुम अपने जज़्बात
रंग मोहब्बत के आज लगाओ
अबके होली में बन जाये बात
तमाम हाजरीन को होली की मुबारकबाद
मनोज
अपनी डफली अपना राग
पीके भांग झूमो आज
हे 'मनुज' होली गाओ
समस्तीपुरी रंग बरसाओ
अपनी डफली अपना राग
पीके भांग झूमो आज
हे 'मनुज' होली गाओ
समस्तीपुरी रंग बरसाओ
समीर लाल (उड़न तश्तरी)
उड़े रंग लाल हरी
अबके होली में
उड़े 'उड़न तश्तरी'
अबके होली में
टिप टिप रंग चुए
अपने ब्लॉगनगरी से
हिन्दी से
अंग्रेजी डरी
अबके होली में
टी. एस. दराल
बचनाsss ऐ हसीनो
लो मै आ गया sss
रंग का खिलाड़ी
भंग का पुजारी
आज मचाउंगा भुचाआssssल
नाम है मेरा डाक्टर दराssssल
माशा अल्लाह! क्या सीन !!
जिसको देखो वही रंगीन
बूढ़े में झलके जवानी
मुबारक हो सबको होली
ये परंपरा बहुत पुरानी
* * *
बुरा न मानो होली है
धन्यवाद ज्ञापन:
इस कार्यक्रम में संगीत दिया - गुंडों के सरदार गौतम राजरिशी (कश्मीर से)
मंच संचालन किया - सुटठामार सुलभ अढाई कोट वाला (अररिया कोर्ट से)
मंच संयोजन - दारुबाज दिगंबर नास्वा (दुबई से), रतजगा मवाली रविकांत (सीहोर से), पागल प्रकाश अर्श (दिल्ली से)
खिलान पिलान एवं रसोई प्रभार :
सरफुटोंवल संगीता पूरी (मंगलग्रह से), रंगभंजना रंजना सिंह (टाटानगर से), छुर्मी अगरबत्ती बबली (हंसट्रेलिया से)
खिलान पिलान एवं रसोई प्रभार :
सरफुटोंवल संगीता पूरी (मंगलग्रह से), रंगभंजना रंजना सिंह (टाटानगर से), छुर्मी अगरबत्ती बबली (हंसट्रेलिया से)
जन संपर्क और मीडिया प्रभारी : निर्मला खपरिला (नांगल से)
साउंड रिकार्डिंग एवं पोडकास्टिंग : अल्हड अल्पना वर्मा (अलईन से)
वीडियोग्राफी: बतबन्ना कंचन चौहान (लखनऊ से) एवं विषकन्या नीरा त्यागी (लन्दन से)
वीडियोग्राफी: बतबन्ना कंचन चौहान (लखनऊ से) एवं विषकन्या नीरा त्यागी (लन्दन से)
रंग और भांग का इंतजाम :रसभरी रश्मि प्रभा (पटना से), रचना विक्षिप्त एवं खरंजू भाटिया (दिल्ली से), थरकीरत हीर (गौहाटी से)
रेडियो सूचना प्रभार : सरखुजानी श्रद्धा जैन (सिंगापुरी टावर से)
दूरदर्शन प्रसारण : आशा जोरदेकर (अमरीका के सौजन्य से)
वाह होली वाह