मेरे एक दोस्त है जो भोजपुरी फिल्मों/गानों में कलाकारी करते हैं. कुछ दिनों पहले उसने मुझसे कहा था - यार तुम कविताये लिखते हो हास्य व्यंग्य सुनाते हो ग़ज़ल और दोहे भी लिखते हो. कोई फ़िल्मी गीत भी लिखा करो तो मैं इसपर डांस करूँ.
मुझे उसकी बात पसंद आई. एक शाम लिखने बैठा उस वक़्त पुराने MP3 एल्बम के गाने बज रहे थे. जनाब कातिल सिफई की नज़्म जिन्हें पंकज उधास जी ने बेहद खूबसूरती से गाकर दुनिया भर में मशहूर किया है. चांदी जैसा रंग हैं तेरा... गीत लिखने की कोशिश की। लेकिन मेरी लेखनी जिसे सिर्फ देश समाज की हालत और सत्ता और सियासत में मत्तान्ध लोग ज्यादा नज़र आते हैं, तो यह परोडी बन गया.
खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल
भाई भतीजे साले तुम्हारे रोज़ मलाइयां खाते
उनका कुछ नही लगता तू जो भूखे ही सो जाते
हाय तेरा दर्शन पाने को लोग लम्बी लाइन लगाते...
तू जिसके सर पर रख दे हाथ वो हो जाए मालामाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....
राजनीत के मंच को तुमने बनाया है अखाड़ा
घोटालों के सारे रिकॉर्ड पल भर में तोड़ डाला
सोने की चिडिया बन गई स्विस बैंक का हवाला...
कुर्सी की ख़ातिर लोकतंत्र में मचाते हो भूचाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....
संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....
खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल ॥
24 comments:
संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
ये तुमहारे लिये……
लाखों रंग हैं दुनिया में सात रंग हैं हमने,
सतरंगी बनके निकलना है तेरी गली में हमने
बधाई
संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
ये तुम्हारे लिये
लाखों रंग हैं दुनिया में सात रंग छांटे हैं हमने,
सतरंगी बनके निकलना है अब तेरी गली में हमने
बधाई
बढ़िया पैरोडी है ...
गाँव से लेकर शाहर तक चलेगा तेरा जादू
कलम में तेरे दम है भैया कौन करेगा काबू
बहुत सुंदर जी मजे दार,
बढ़िया है. आपकी पुरानी पोस्ट्स को भी तसल्ली से देखूंगा.
अभी मेरी रचना की सराहना का शुक्रिया कहता हूँ.
वाह.....!!
फटेहाल जी कमाल की रचना....!!
Bahut badhiya parody hai. jabardast.
खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल ॥
सलाम है आपको और आपके मष्तिष्क को. जानदार पैरोडी बना दी.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
अच्छी पैरोडी है। चिट्ठे पर आने के लिए धन्यवाद।
फ़्टेहाल जी , रचना तो अच्छी है, सभी पैरोडियां अच्छी ही होतीं हैं, पर खाली समाज़ के फ़टे कुर्ते को ही रोते रहोगे या कुछ सिलने का भी रास्ता बताओगे?
@Dr. Shyam gupta
डा. गुप्ता साहब,
उपाय तो मुझे मिल गया है और भी कुछ लोगों को जानकारी में है. एक 62 वर्षीय महापुरुष हैं. वे जल्द ही एक ब्लॉग पर अवतरित होंगे. मेरी आज उनसे बात हुई है. विस्तृत जानकारी और लिंक मै आपको ईमेल जरुर करूँगा.
गंभीर टिपण्णी के लिए आपका बहुत धन्यवाद!
Kya baat hai!Bahut khub.
Yahi hai bheed ka kamal
khotey sikkey lageyn duodhney
suchey raheyn nidhal
बहुत बढिया लिखा आपने ..
. शुभकामनाएं !!
bahut accha vyangya hai..
संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....
खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल
" behtarin bhai ...bahut khub "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
वाह मज़ा आ गया ! बहुत ही शानदार और ज़बरदस्त पोस्ट!
Best hai ji.
संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....
JANTA BHI TO HAI.. HAWA KE HAR JHONKEY KE SATH UDI JATI DHUNI HUI RUI. IS PAR BHI TO KUCHH KAHIYE.SATTA KA TO YAHI KAM HAI JO AAPNEY BYAN KIYA.. HAMARA AAPKA KYA KAM HAI.. IS PAR BHI CHINTAN CHLNA CHAHIYE..PEOPLE GET THE GOVERNMENTS THEY DESERVE...THANKS FOR REMEMBERING.
यह हंसी हमारे समय में रोने की नयी विधा है
-श्याम 1950
kya bat hai ............
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