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Sunday, October 4, 2009

एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल ( पैरोडी )

मेरे एक दोस्त है जो भोजपुरी फिल्मों/गानों में कलाकारी करते हैं. कुछ दिनों पहले उसने मुझसे कहा था - यार तुम कविताये लिखते हो हास्य व्यंग्य सुनाते हो ग़ज़ल और दोहे भी लिखते हो. कोई फ़िल्मी गीत भी लिखा करो तो मैं इसपर डांस करूँ.

मुझे उसकी बात पसंद आई. एक शाम लिखने बैठा उस वक़्त पुराने MP3 एल्बम के गाने बज रहे थे. जनाब कातिल सिफई की नज़्म जिन्हें पंकज उधास जी ने बेहद खूबसूरती से गाकर दुनिया भर में मशहूर किया है. चांदी जैसा रंग हैं तेरा... गीत लिखने की कोशिश की।
लेकिन मेरी लेखनी जिसे सिर्फ देश समाज की हालत और सत्ता और सियासत में मत्तान्ध लोग ज्यादा नज़र आते हैं, तो यह परोडी बन गया.





खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल

भाई भतीजे साले तुम्हारे रोज़ मलाइयां खाते
उनका कुछ नही लगता तू जो भूखे ही सो जाते
हाय तेरा दर्शन पाने को लोग लम्बी लाइन लगाते...
तू जिसके सर पर रख दे हाथ वो हो जाए मालामाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....

राजनीत के मंच को तुमने बनाया है अखाड़ा
घोटालों के सारे रिकॉर्ड पल भर में तोड़ डाला
सोने की चिडिया बन गई स्विस बैंक का हवाला...
कुर्सी की ख़ातिर लोकतंत्र में मचाते हो भूचाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....


संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....

खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल

24 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
ये तुमहारे लिये……
लाखों रंग हैं दुनिया में सात रंग हैं हमने,
सतरंगी बनके निकलना है तेरी गली में हमने
बधाई

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...

ये तुम्हारे लिये
लाखों रंग हैं दुनिया में सात रंग छांटे हैं हमने,
सतरंगी बनके निकलना है अब तेरी गली में हमने
बधाई

समय चक्र said...

बढ़िया पैरोडी है ...

..P a r i m a l.: said...

गाँव से लेकर शाहर तक चलेगा तेरा जादू
कलम में तेरे दम है भैया कौन करेगा काबू

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी मजे दार,

sanjay vyas said...

बढ़िया है. आपकी पुरानी पोस्ट्स को भी तसल्ली से देखूंगा.
अभी मेरी रचना की सराहना का शुक्रिया कहता हूँ.

हरकीरत ' हीर' said...

वाह.....!!

फटेहाल जी कमाल की रचना....!!

हरकीरत ' हीर' said...
This comment has been removed by the author.
Asha Joglekar said...

Bahut badhiya parody hai. jabardast.

Mumukshh Ki Rachanain said...

खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल ॥

सलाम है आपको और आपके मष्तिष्क को. जानदार पैरोडी बना दी.

हार्दिक बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Ashok Pandey said...

अच्‍छी पैरोडी है। चिट्ठे पर आने के लिए धन्‍यवाद।

shyam gupta said...

फ़्टेहाल जी , रचना तो अच्छी है, सभी पैरोडियां अच्छी ही होतीं हैं, पर खाली समाज़ के फ़टे कुर्ते को ही रोते रहोगे या कुछ सिलने का भी रास्ता बताओगे?

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

@Dr. Shyam gupta

डा. गुप्ता साहब,

उपाय तो मुझे मिल गया है और भी कुछ लोगों को जानकारी में है. एक 62 वर्षीय महापुरुष हैं. वे जल्द ही एक ब्लॉग पर अवतरित होंगे. मेरी आज उनसे बात हुई है. विस्तृत जानकारी और लिंक मै आपको ईमेल जरुर करूँगा.

गंभीर टिपण्णी के लिए आपका बहुत धन्यवाद!

sandhyagupta said...

Kya baat hai!Bahut khub.

श्याम जुनेजा said...

Yahi hai bheed ka kamal
khotey sikkey lageyn duodhney
suchey raheyn nidhal

संजय भास्‍कर said...

बहुत बढिया लिखा आपने ..
. शुभकामनाएं !!

Ambarish said...

bahut accha vyangya hai..

SACCHAI said...

संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....

खादी कुरता टोपी पहन किया खूब कमाल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल

" behtarin bhai ...bahut khub "

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

Urmi said...

वाह मज़ा आ गया ! बहुत ही शानदार और ज़बरदस्त पोस्ट!

Lifemaker said...

Best hai ji.

प्रदीप कांत said...

संसद से लेकर पंचायत तक चलता तेरा जादू
क़ानून जिसकी जेब में हो कौन करे उसे काबू
सबको भ्रष्ट कर दिया तुने पुलिस हो या बाबू...
तुझे नज़र न लगे किसी की जीतो चुनाव हर साल
एक तू ही लाल देश का बाकी सब फटेहाल....

SHABDATEET said...

JANTA BHI TO HAI.. HAWA KE HAR JHONKEY KE SATH UDI JATI DHUNI HUI RUI. IS PAR BHI TO KUCHH KAHIYE.SATTA KA TO YAHI KAM HAI JO AAPNEY BYAN KIYA.. HAMARA AAPKA KYA KAM HAI.. IS PAR BHI CHINTAN CHLNA CHAHIYE..PEOPLE GET THE GOVERNMENTS THEY DESERVE...THANKS FOR REMEMBERING.

sacha sathi said...

यह हंसी हमारे समय में रोने की नयी विधा है
-श्याम 1950

Unknown said...

kya bat hai ............

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"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "