लोकतंत्र की रखवाली मे
नेता व्यस्त दलाली मे
चुनावी मुद्दे गौण हुये
लफ्फाजी और गाली मे
ज़ज सी.बी.अई पानी भरते
सत्ता की कोतवाली मे
खुन-पसीना पेशाब बराबर
भ्रष्टाचार की नाली मे
दुश्मन वही सबसे बड़ा
जो करते छेद थाली मे
आधे अधूरे दीये जलते
महंगी होती दीवाली मे
***
(आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! - सुलभ )
नेता व्यस्त दलाली मे
चुनावी मुद्दे गौण हुये
लफ्फाजी और गाली मे
ज़ज सी.बी.अई पानी भरते
सत्ता की कोतवाली मे
खुन-पसीना पेशाब बराबर
भ्रष्टाचार की नाली मे
दुश्मन वही सबसे बड़ा
जो करते छेद थाली मे
आधे अधूरे दीये जलते
महंगी होती दीवाली मे
***
(आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! - सुलभ )
13 comments:
लगता है बिहार चुनाव में बहुत व्यस्त हैं । दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें ।
सुलभ बाबू!कहाँ गायब हो जाते हैं आप..सटीक ब्यंग किये हैं... दीवाली का हार्दिक सुभकामना!!
देश के अफसोसनाक हालात की अच्छी अभिव्यक्ति हो रही है आपकी रचना से.
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाए.
-mansoor ali hashmi
यही हाल है जी.
चुनावी मुद्दे गौण हुये
लफ्फाजी और गाली मे
ज़ज सी.बी.अई पानी भरते
सत्ता की कोतवाली मे
बिलकुल सटीक शेर। बधाई।
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं
सटीक व्यंग वाण.........
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.
चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपके, हेतु ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
बहुत ही अच्छी प्रस्तुती और एक आम इंसान के दर्द को बयान करती रचना......
समाज की सच-सच बातें उगल डाली आपने..बढ़िया बहुत खूब कही...आपकी रचनाएँ थोड़े लंबे अंतराल के बाद पढ़ने के बाद मिलती है पर धमाका कर देते हैं...पंकज जी के ब्लॉग पर आपके ग़ज़ल पढ़े थे ..वो भी लाज़वाब थे..सुंदर लेखनी के लिए हार्दिक बधाई..और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी..
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
आधे अधूरे दीये जलते
महंगी होती दीवाली मे ..
करार व्यंग है सुलभ जी ... बहुत तेज़ धार है .... गज़ब लिखा है ... छोटी बहर में लम्बी बात .... आपको दुबारा ब्लॉग में वापस देख बहुत अछा लगा ..... आपको और परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं .
सुलभ जी कम शब्दों में सटीक चित्रण किया है वर्तमान परिदृश्य का,एक कड़वा सच लिखा है
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