Pages

हम आपके सहयात्री हैं.

अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्

Thursday, November 4, 2010

आधे अधूरे दीये जलते

लोकतंत्र की रखवाली मे
नेता व्यस्त  दलाली मे

चुनावी  मुद्दे  गौण हुये
लफ्फाजी और गाली मे

ज़ज सी.बी.अई पानी भरते
सत्ता  की कोतवाली  मे

खुन-पसीना पेशाब बराबर
भ्रष्टाचार  की  नाली मे

दुश्मन  वही सबसे बड़ा
जो करते छेद थाली मे

आधे अधूरे दीये जलते
महंगी होती दीवाली मे
***


(आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! - सुलभ )


13 comments:

डॉ टी एस दराल said...

लगता है बिहार चुनाव में बहुत व्यस्त हैं । दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें ।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

सुलभ बाबू!कहाँ गायब हो जाते हैं आप..सटीक ब्यंग किये हैं... दीवाली का हार्दिक सुभकामना!!

Mansoor ali Hashmi said...

देश के अफसोसनाक हालात की अच्छी अभिव्यक्ति हो रही है आपकी रचना से.
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाए.

-mansoor ali hashmi

Abhishek Ojha said...

यही हाल है जी.

निर्मला कपिला said...

चुनावी मुद्दे गौण हुये
लफ्फाजी और गाली मे

ज़ज सी.बी.अई पानी भरते
सत्ता की कोतवाली मे
बिलकुल सटीक शेर। बधाई।

आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

राज भाटिय़ा said...

आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं

लोकेन्द्र सिंह said...

सटीक व्यंग वाण.........
आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.

डॉ० डंडा लखनवी said...

चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपके, हेतु ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

honesty project democracy said...

बहुत ही अच्छी प्रस्तुती और एक आम इंसान के दर्द को बयान करती रचना......

विनोद कुमार पांडेय said...

समाज की सच-सच बातें उगल डाली आपने..बढ़िया बहुत खूब कही...आपकी रचनाएँ थोड़े लंबे अंतराल के बाद पढ़ने के बाद मिलती है पर धमाका कर देते हैं...पंकज जी के ब्लॉग पर आपके ग़ज़ल पढ़े थे ..वो भी लाज़वाब थे..सुंदर लेखनी के लिए हार्दिक बधाई..और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी..

रचना दीक्षित said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा said...

आधे अधूरे दीये जलते
महंगी होती दीवाली मे ..

करार व्यंग है सुलभ जी ... बहुत तेज़ धार है .... गज़ब लिखा है ... छोटी बहर में लम्बी बात .... आपको दुबारा ब्लॉग में वापस देख बहुत अछा लगा ..... आपको और परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं .

Sudesh Bhatt said...

सुलभ जी कम शब्दों में सटीक चित्रण किया है वर्तमान परिदृश्य का,एक कड़वा सच लिखा है

लिंक विदइन

Related Posts with Thumbnails

कुछ और कड़ियाँ

Receive New Post alert in your Email (service by feedburner)


जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "