दिन प्रतिदिन उधेड़बुन बढ़ती जा रही, जो कहना चाह रहा था वो कह नहीं पा रहा हूँ. कुछ ऐसे ही हालात में जाने क्या कह गया. लीजिये एक छोटी सी बेबहर ग़ज़ल -
रस्ता रोक कर
खड़ा क़ातिल है
भरोसा करूँ क्या ?
दोस्त काबिल है
मेरे गुनाहों में
तक़दीर शामिल है
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
अज़ब मुश्किल है
दूर मंजिल है
दूर मंजिल है
रस्ता रोक कर
खड़ा क़ातिल है
भरोसा करूँ क्या ?
दोस्त काबिल है
मेरे गुनाहों में
तक़दीर शामिल है
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
- सुलभ
49 comments:
वाह भाई वाह सुलभ जी ,वैसे आपके लिए मुश्किल तो कुछ भी नहीं क्योकि सोच में सच्चाई हो तो रास्ते निकल ही आते हैं ...
बढ़िया
उधेड़बुन भी शायरी की शक्ल ले लेती है ...
अज़ब मुश्किल है
दूर मंजिल है
रस्ता रोक कर
खड़ा क़ातिल है
Uf! Ye bhi kaisi uljhan hai!
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
Sahee baat kahee aapne !
बहुत खुब जी
जीवन के सत्य को इस छोटी सी बहर में बखूबी समेटा है आपने।
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साँप काटने पर क्या करें, क्या न करें?
मेरे गुनाहों में
तक़दीर शामिल है
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
सुलभ जी ... छोटी बहर में अक्सर ग़ज़ल कहना बहुत मुश्किल होता है पर अपने बहुत अच्छे शेर निकले हैं ...
ये दोनो शेर बहुत ही लाजवाब बन पड़े हैं ....
और हाँ गुरुदेव के ब्लॉग पर आपकी ग़ज़ल बहुत ही कमाल थी ... आप और हम दोनो साथ थे ये मेरा सौभाग्य है ...
एतना बढिया तो गजल कह दिए हैं… भाव अऊर सब्द भी है अऊर सायरी भी है!! बधाई!
लिखा गज़ब है
सब हासिल है
टिपण्णी दे रहा हूँ
स्नेह शामिल है
हार्दिक बधाई
चन्द्र मोहन गुप्त
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
ग़ज़ल तो अच्छी बन पड़ी है ।
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
शायरी मुश्किल है तब ये हाल है मुझसे से पूंछो मुझे तो आती ही नहीं है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
-हो तो गई...बहुत बढ़िया.
छोटी सी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी...
भाव हैं शब्द नहीं, उनसे कहना मुश्किल है. :)
रस्ता रोक कर
खड़ा क़ातिल है
भरोसा करूँ क्या ?
दोस्त काबिल है
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
ज़नाब यह तो अजब के साथ-२ गजब मुश्किल है
बहुत खूब सुलभ जी
अगर समय हो तो यहाँ भी पधारें
बहुत खूब ग़ज़ल कही है| ख्याल बुलंद हैं... पर मेरे जैसा नासमझ भी बहर की गलतियाँ पकड ले रहा है|
ब्रह्माण्ड
mushkil koi bhi..aap to 'sulabh' hi hai :)..sundar panktiyaan
बहुत खूब ...सुन्दर अभिव्यक्ति
sulabh ji
bhav hai shbd nhi
shayri mushkil hai
bechargi bhi itni khoobsurti se bya ki hai ki kya dad de .
bhut sundar .
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
मगर कम शब्दों मे भी इतनी सुन्दर शायरी कमाल है। बधाई।
छोटे मिसरे पर भाव गंभीर..बेहतरीन ग़ज़ल...धन्यवाद सुलभ जी
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है....
हमारे लिए थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आपके लिए नहीं।
नमस्कार,
जन्मदिन की शुभकामनायें हम तक प्रेम, स्नेह में लिपट पर पहुँचीं.
मित्रों की शुभकामनायें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देतीं हैं.
आभार
sulabh ji, im impressed.......as this is ma frst visit....i will definitely
visit u again.
बहुत अच्छी गजल है...क्या शेर है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
छोटी बहर की गजल..बहुत खूब...जरूर फॉलो करूंगी..आप भी यहां जरूर आइए
http://veenakesur.blogspot.com/
बहुत अच्छी गजल है...क्या शेर है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
छोटी बहर की गजल..बहुत खूब...जरूर फॉलो करूंगी..आप भी यहां जरूर आइए
http://veenakesur.blogspot.com/
अच्छी ग़ज़ल है। काफी दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आया। पता चला कि इस बीच मैंने कितना कुछ मिस किया।
सुलभ जी....ये त बेहतरीन ..कुछ नये का इंतज़ार है भाई...
very good.
अरे वाह ....
मज़ा आ गया , कुछ अलग ही लगी ! शुभकामनायें
.
@--दिन प्रतिदिन उधेड़बुन बढ़ती जा रही, जो कहना चाह रहा था वो कह नहीं पा रहा हूँ. कुछ ऐसे ही हालात में ....
ये उधेड़-बुन ही तो जीने की नयी राहें खोल देती हैं हमारे जीवन में।
.
बार बार फिसलता
आवारा एक दिल है
भाव हैं शब्द नहीं
शायरी मुश्किल है
बहुत ही खूबसूरत पंक्ति ...
शायरी मुश्किल कहाँ आपने तो एकदम आसान कर दी ...बधाई
खूबसूरत रचना ...
मेरे गुनाहों में तकदीर शामिल है ..
वाह!! बहुत खूब ...
आपने मेरे ब्लॉग पर दर्शन दिए उसके लिए भी शुक्रिया
आपकी रचना मुझे बेहद पसंद आई ...आगे भी पढना चाहूंगी इसलिए फौलो कर रही हूँ ..
शुभकामनाएं
बहर मे भी है और गज़ल भी
एक गंभीर रचना बहुत प्यारी!!!
कभी भटकते भटकते " आवारगी" पर भी नज़र -ऐ--इनायत करें.
्सम्हल ए दिल वरना होगी गजब मुश्किल ।
हॉट सेक्शन अब केवल अधिक 'पढ़े गए' के आधार पर कार्य करेगा
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bahut hi khoob-surat post.
poonam
achcha likhe hain.
अजी, भाव ज्यादा ज़रूरी है ... शब्द तो आते जाते रहते हैं ...
सुन्दर !
क्या भैया बहुत दिन से खामोश हैं..बहुत बिज़ी चल रहें है क्या..कुछ नया पेश कीजिए...
भरोसा करूँ क्या ?
दोस्त काबिल है
awaysome lines ..gagar mein sagar ki tarah hai ye do panktiyan .
daad hazir hai kubool karen
nice one.
it was my 1st visit.....n really impresssive writing.
shayari sach me mushkil hai, mitr.
bahot achchi lagi.
सुलभ भाई, इतनी छोटी बहर और इतना कातिलाना अंदाज। बस दो ही शब्द कहूँगा- जय हो।
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सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।
चमत्कार दिखाऍं, एक लाख का इनाम पाऍं।
bahut sundar !!!
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