हँसते बोलते कहीं खो जाओ ये अच्छा तो नहीं है
अपने मन को बस दुखाओ ये अच्छा तो नहीं है
मैं जानता हूँ मेरी जाँ मैं तुमसे दूर हूँ बहुत
सोचकर यही तुम घबराओ ये अच्छा तो नहीं है
दिल तुम्हार नाजुक है यह मेरा दिल समझता है
याद करके धड़कन बढाओ ये अच्छा तो नहीं है
सफ़र से लौटूंगा जब भी पास तुम्हारे ही आऊंगा
इंतजार में आंसू बहाओ ये अच्छा तो नहीं है ॥
21 comments:
वाह सुलभ जी क्या खूब चित्र को देखा आपने ..और क्या खूब लिखा आपने
मैं जानता हूँ मेरी जाँ मैं तुमसे दूर हूँ बहुत
सोचकर यही तुम घबराओ ये अच्छा तो नहीं है....
बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ...... संवादात्मक रुपी यह ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी.......
अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं। बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
मैं जानता हूँ मेरी जाँ मैं तुमसे दूर हूँ बहुत
सोचकर यही तुम घबराओ ये अच्छा तो नहीं है...
सफ़र से जब भी लौटूंगा तुम्हारे पास ही तो आऊंगा
इंतजार में आंसू बहाओ ये अच्छा तो नहीं है ॥
" behd sundar panktiyan..."
regards
bhav evm kathya behter hain.....
हँसते बोलते कहीं खो जाओ ये अच्छा तो नहीं है
अपने मन को बस दुखाओ ये अच्छा तो नहीं है
ग़ज़ल दिल को छू गई।
बेहद पसंद आई।
बहुत खूब चित्र को लफ़्ज़ों में उकेरा है शुक्रिया
वाकई यह चित्र स्वयम एक गजल है
और फिर आपकी गजल चित्रवत है
'सफ़र से लौटूंगा जब भी पास तुम्हारे ही आऊंगा
इंतजार में आंसू बहाओ ये अच्छा तो नहीं है ॥'
पर ये सफर लम्बा तो न हो
सफ़र से लौटूंगा जब भी पास तुम्हारे ही आऊंगा
इंतजार में आंसू बहाओ ये अच्छा तो नहीं है ॥
वाह सुलभ जी वाह...चित्र को जबान देदी आपने...सटीक शेर कहें हैं...और शुक्रिया आपका जो आपको मेरी रंगोली वाली पोस्ट के चित्र पसंद आये...चित्र दिखाना सार्थक कर दिया आपने...शुक्रिया.
नीरज
वाह वाह, बहुत सुन्दर!
वाह ! आज की लाइने तो दिल को छू गयी.
बहुत ही अच्छा लिखा है !
सफ़र से लौटूंगा जब भी पास तुम्हारे ही आऊंगा
इंतजार में आंसू बहाओ ये अच्छा तो नहीं है ...
बोलते हुवे चित्र पर लाजवाब ग़ज़ल की प्रस्तुति है सुलभ जी ......... और ये शेर तो कमाल है ..........
दिल तुम्हार नाजुक है यह मेरा दिल समझता है
याद करके धड़कन बढाओ ये अच्छा तो नहीं है
...........bahut khoob
चित्र देख गज़ल लिख दो अच्छा है मगर
चित्र देख बहक जाओ अच्छा तो नहीं है.
सुंदर चित्र, उससे भी सुंदर रचना.
http://epankajsharma.blogspot.com/
दिल तुम्हार नाजुक है यह मेरा दिल समझता है
उसकी बेकरारी को बस ये मन समझता है , बहुत खूब
जितना सुंदर चित्र उतनी ही सुंदर गज़ल ।
अच्छी रचना पढ़कर मैंगेंबो खुश हुआ
बिनटिप्पणी चले जाओ ये अच्छा तो नहीं है
aap is tarah ki gazal kah kar
logo ko pichhli yad dilai ye achcha to naheen hai
very nice poetry
दिल तुम्हार नाजुक है यह मेरा दिल समझता है
याद करके धड़कन बढाओ ये अच्छा तो नहीं है
Nice ..
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