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Tuesday, August 31, 2010

दर्द के अँधेरे में रोज़ यूँ ही नज़्म खिला करेंगे


यूँ तो हिंदी ब्लोगरी का स्वाद तीन साढ़े तीन साल पहले २००७ में (नारद अक्षरग्राम के सौजन्य से) चखा था. वर्ष २००८ के अंत में चिट्ठाजगत के संपर्क में आया.
 परन्तु ब्लॉगजगत के स्नेहीजनो से परिचय तब हुआ जब पिछले साल २००९ अगस्त के ही महीने में ब्लोगवाणी से जुड़ा था. कह सकते हैं की सबके साथ चलने का "वास्तविक सफ़र का आनंद" एक साल से है.

ब्लॉगजगत के सदस्यों को मिलाने की दिशा में किये गए कुछ उल्लेखनीय कार्यों में, मैं बधाई देता हूँ साहित्य शिल्पी वाले श्री राजीव रंजन जी को,  मैं आदरणीय श्री बी.एस.पाबला जी को बधाई देता हूँ, उनके समर्पित भावनाओं के लिए. चूँकि आज का दिन मेरे लिए बहुत ख़ास है. हिन्दी ऊर्दू साहित्य प्रेमी होने के नाते मेरे लिए सभी रचनाकारों के ब्लॉग महत्वपूर्ण है, ऐसे ढेरों ब्लॉग हैं जहाँ कुछ संवेदनशील शब्द-रचना देख पढ़ जेहन में देर तक हलचल होती है.  आज की पोस्ट मैं समर्पित करता हूँ, अपने एक ब्लोगर साथी "हरकीरत 'हीर" के नाम. जिनका प्रोत्साहन मुझे नियमित मिलता रहा है.

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

उम्मीद
जो अनमने हवाओं के संग बहते हैं
परिचित पत्थरों से टकराते हैं,
कहीं आराम से बैठ नहीं पाते
खामोश चलते वक़्त की तपिश कहीं झुलसा न दें
उम्मीद के जर्द चहरे को राख न कर दे.
उम्मीद जो मोहब्बत से लबालब
दरिया तक पहुंचना चाहते हैं.
सो बस चलते रहते हैं
आँखों की नमी के साथ
वक़्त जरुरत यही
आंसू प्यास भी बुझाते हैं.

हालंकि वह दरिया कब की सूखी पड़ी है
पर निशान तो वहीँ कायम है.
कभी न कभी बर्फ पिघलेंगे
और इसी निशां का रुख करेंगे
फिर जब दरिया अपने रवानी में होगी
दर्द के गठरी को बहा ले जायेगी 


फिलवक्त तो उम्मीदों के बोझ
तुम पलकों पर उठाये रखना
कदम बढाते रहना वफ़ा की ओर
जब तक साँसे चल रही है
तरन्नुम मिला करेंगे.
दर्द के अँधेरे में  रोज़ यूँ ही
नज़्म खिला करेंगे.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

आदरणीय हरकीरत जी,
आपको जन्मदिन की बहुत बहुत मुबारकबाद!!


आप की एक नज़्म जो बहुत ख़ास है....
नजरिया ......
उसकी नज़रें देख रही थीं
रिश्तों की लहलहाती शाखें .....
और मेरी नज़रें टिकी थी
उनकी खोखली होती जा रही
जड़ों पर .......!!
 
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
( अपना जन्मदिन भी मैं आज ही साझा कर रहा हूँ :).......सुलभ 

25 comments:

राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh) said...

एक सच्चे साथी की तरफ से जन्म दिन का इससे खूबसूरत तोहफा क्या हो सकता है| हरकीरत हीर जी आपको हमारी तरफ से भी जन्म दिन की असंख्य शुभकामनाएं|

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

सुलभ जी , हरकीरत जी की रचनाओं के तो हम भी कदरदान है ! उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाये !

kshama said...

हालंकि वह दरिया कब की सूखी पड़ी है
पर निशान तो वहीँ कायम है.
कभी न कभी बर्फ पिघलेंगे
और इसी निशां का रुख करेंगे
फिर जब दरिया अपने रवानी में होगी
दर्द के गठरी को बहा ले जायेगी
Behad sundar alfaaz!

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर तोहफा दिया है हरकीरत जी को। उन्हें जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

अरे आपका भी तो जन्म दिन है यार , मैं तो अब जाके देखा पाबला जी की पोस्ट को आपको भी जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाये !

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

प्रिय सुप्रिय अतिप्रिय सुलभ भाई

जन्मदिवस की असंख्य अनंत शुभकामनाएं !
ईश्वर से प्रार्थना है , आप सदैव सुखी रहें ।
हरकीरतजी को भी जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh) said...

गुरु जी के ब्लॉग से पता चला आज आपका भी जन्म दिवस है... आपको भी अनगिनत शुभकामनाएं| ईश्वर से कामना है कि जीवन में आप नित नए सफलता के सोपान चढ़ते रहें|
ब्रह्मांड

anshumala said...

हरकीरत जी or सुलभ जी आपको भी जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाये !

रंजू भाटिया said...

बहुत खूब ..जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनाएं

प्रकाश पाखी said...

सुलभ जी,
आपका जीवन इन्द्रधनुष के सातों रंगों से निखरता रहे!जन्म दिन की शुभकामनाएं!
प्रकाश पाखी!

दीपक 'मशाल' said...

एक शेर पढ़ा था अभी कुछ दिन पहले
वो मेरे घर नहीं आता.. मैं उसके घर नहीं जाता..
लेकिन इन एहतियातों से.. तआल्लुक मर नहीं जाता..
(फिर भी क्या करें वक़्त कम होता है भाई.. जन्मदिन की ढेरों बधाई)

रचना दीक्षित said...

जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और ढेरों शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा said...

सुलभ जी ..... जानम दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ......
बहुत ही गहरी और लाजवाब रचना है आज आपकी ... ग़ज़लों से अलग हट कर आपका ये अंदाज़ बेहद जँचा .....

हरकीरत जी को भी ..... जनम दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ......

डॉ टी एस दराल said...

सुलभ , जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनायें ।
खुशकिस्मत हो कि आपका जन्मदिन अमृता प्रीतम और हरकीरत हीर जैसी हस्तियों के साथ आता है ।
congratulations.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

कहाँ लुकाए रहते हैं सुलभ जी!आपका त दर्सने दुर्लभ हो गया है..अऊर आज आए हैं त एतना सानदार नज़्म लेकर आए हैं...पहिले बधाई लीजिए अपना नज्म के लिए,उसके बाद जनमदिन का बधाई!भगवान आपको लम्बा उमर दे, आप जो सामाजिक कार्य कर रहे हैं,ऊ सब लोग आपको दुआ देगा!!!

लोकेन्द्र सिंह said...

सबसे पहले आपको जन्मदिन की शुभकामनाएं। कविता कि यह पंक्ति दिल को भा गई - आंसू भी तो प्यास बुझाते हैं। वैसे पूरी रचना ही बेहद खूबसूरत थी।

इस्मत ज़ैदी said...

sulabh jee ,


happy birthday
hameshaa khush rahiye

मुकेश कुमार सिन्हा said...

happy bday to sulabh and harkeerat heer jee.........:)

god bless!!

मुकेश कुमार सिन्हा said...

happy bday to sulabh and harkeerat heer jee.........:)

god bless!!

सूर्य गोयल said...

सबसे पहले आपको जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाये. आपके जन्मदिन के बहाने आपके ब्लॉग पर आने का मौका मिला. आपके ब्लॉग का चक्कर काटने के बाद लगा की कितनी खूबसूरती से आपने भावो को शब्दों में पिरोया है फर्क मात्र इतना है की मै भी कुछ ऐसे ही भावो को गुफ्तगू के माध्यम से शब्द देता हूँ. बहुत ही सुन्दर रचनाये. बधाई

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

आप दोनों को जन्मदिन की हार्दिक शुभ कामनाएँ! वो क्या कहते हैं अंग्रेजी में: बिलेटिड!!
उम्र तो नहीं हुई मेरी अभी, लेकिन आशीष की तरफ से एक आशीष: खुश रहिये!
--
अब मैं ट्विटर पे भी!
https://twitter.com/professorashish

Shah Nawaz said...

प्रिय मित्र सुलभ का जन्म दिन था और हमें पता भी नहीं चल पाया... देर आयद, दुरुस्त आयद, चलिए देर से ही सही, आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

और साथ ही साथ श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की भी बहुत-बहुत बधाई!

Shah Nawaz said...

आपका पता ही नहीं चलता है.... आजकल ना जाने कहाँ गायब रहते हैं?

Anonymous said...

belated happy bday...

A Silent Silence : Mout humse maang rahi zindgi..(मौत हमसे मांग रही जिंदगी..)

Banned Area News : Shankar Roy Directs Movie On Footballm

नीरज गोस्वामी said...

हरकीरत जी के बारे में आप द्वारा व्यक्त की गयी राय से मैं शत प्रतिशत सहमत हूँ...ब्लॉग जगत में उन सी सम्वेदन शील कव्येत्री मेरी नज़रों से तो नहीं गुजरी...उनकी किताब भी मेरे पास है जिसका हर शब्द पन्ना बहुत कुछ सिखा जाता है...इश्वर से प्रार्थना करता हूँ के वो इसी तरह सालों साल लिखती रहें...
नीरज

लिंक विदइन

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जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "