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अरे बेटी सुनैना
ज़रा दो मिनट पास बैठना |
पापा आज आप बहुत खुश दिख रहे हैं
क्या कोई खुशखबरी है या मुझे देख हंस रहे हैं |
तुम तो जानती हो बेटी
तुम्हारे लिए वर की तलाश है
और आज बात बहुत ख़ास है
मैं मिलकर आया हूँ एक शख्स से
नाम है उसका बेचारा बहुरंगी
चेहरे से दिखता है विचारक
और बातों से कवि
कहने को तो मामूली सोफ्टवेयर प्रोग्रामर है
मगर वो एक ख्यातिप्राप्त ब्लोगर है
नए अनोखे रंग में पोस्ट बनाता है
तकनीक का ज्ञाता है
उभरता कवि और संस्कारी गुणवान है
बहुत प्रतिभाशाली नौजवान है |
मैं उसकी और क्या तारीफ़ करूँ
सादा जीवन उच्च विचार है
की-बोर्ड का कलाकार है
मुझको तो लड़का बहुत पसंद है
तुम्हारे लिए वो सटीक रहेगा
बिटिया ज़माना इंटरनेट का है
सो यही ठीक रहेगा |
पिता की बात सुन
पुत्री की त्योरियां चढ़ गयी
वो सोफे से उखड़ गयी
डैड ! इट्स टू बैड
आपने मेरे लिए कैसा वर ढूंढा है
और कोई नहीं
एक हिंदी ब्लोगर ढूंढा है
पिताजी तब तो ससुराल में जीना मुहाल होगा
सोचिये मोनिटर स्पीकर के बीच रह
मेरा क्या हाल होगा
वे तो चिपके रहेंगे माउस और की-बोर्ड से
रात दिन प्यार जताएंगे अपने ब्लॉग से
मिनट मिनट पर ब्लॉग को खोलेंगे
मुझसे केवल चाय बनाने को बोलेंगे
रोज़ किसी मुद्दे पर खुद ही उलझ जायेंगे
मामला संवेदनशील है
मुझे समझायेंगे
वे बाते करेंगे हरदम शायराना
पिताजी बहुत मुश्किल होगा निभाना
वे तो शब्दों का जबरन व्यापार करेंगे
दोस्ती दुश्मनी सरेआम बाज़ार करेंगे
सुबह शाम इमेल गपशप प्रचार करेंगे
मासूम टिप्पणीयों पर अत्याचार करेंगे
पिताजी अपनी बिटिया पर तरस खाना
आप क्यूँ नहीं देखते आज का ज़माना
जनसँख्या प्रदुषण कितनी तेज गति से बढ़ रही
सड़के भी वाहनों से है खचाखच भरी
ट्रैफिक अनियंत्रित है औंधे मुंह खड़ी
न्याय व्यवस्था की ऐसी तैसी
भ्रष्टाचार में डूब गयी भारत की घड़ी
जिस देश में पांचवी फेल नेता मंत्री बनता है
वहीं एक ग्रेजुएट बेरोजगारी पर सिसकता है
पापा आप जिसे इंटरनेट क्रान्ति कहते है
वो तो सिर्फ पांच प्रतिशत आकड़ा है
जहाँ ज्ञानी कवि बुढापे तक उचित
पारिश्रमिक को तरसते हैं
वहीं फूहर लाफ्टर शो लाखों चट करते हैं
और आप यहाँ ब्लोगर की बात करते हैं
जब ब्लोगर इतने ही गंभीर हैं तो
महंगाई के खिलाफ क्यों नहीं लड़ते हैं
जब घंटों ऑनलाइन रहते हैं
तब क्यों नहीं समस्याओं की सूची
अपने विधायक सांसद को मेल करते हैं
और पाठक भी माशा अल्लाह !
सिर्फ टिप्पणियों पर यकीन करते हैं
एक और बातें मुझे बहुत खलती है
पसंद नापसंद का शोर क्यूँ
जब पाठक रोज पहुँचती है
पापा मैं हूँ लड़की आधुनिक दिल की खुली
ऐसे ब्लोगर बलमा से तो मैं कुंवारी भली
मैं सब समझ चुकी हूँ
मुझे सब पता है
मैं भी कभी ब्लोगर रह चुकी हूँ |
अरे बेटी सुनैना
ज़रा दो मिनट पास बैठना |
पापा आज आप बहुत खुश दिख रहे हैं
क्या कोई खुशखबरी है या मुझे देख हंस रहे हैं |
तुम तो जानती हो बेटी
तुम्हारे लिए वर की तलाश है
और आज बात बहुत ख़ास है
मैं मिलकर आया हूँ एक शख्स से
नाम है उसका बेचारा बहुरंगी
चेहरे से दिखता है विचारक
और बातों से कवि
कहने को तो मामूली सोफ्टवेयर प्रोग्रामर है
मगर वो एक ख्यातिप्राप्त ब्लोगर है
नए अनोखे रंग में पोस्ट बनाता है
तकनीक का ज्ञाता है
उभरता कवि और संस्कारी गुणवान है
बहुत प्रतिभाशाली नौजवान है |
मैं उसकी और क्या तारीफ़ करूँ
सादा जीवन उच्च विचार है
की-बोर्ड का कलाकार है
मुझको तो लड़का बहुत पसंद है
तुम्हारे लिए वो सटीक रहेगा
बिटिया ज़माना इंटरनेट का है
सो यही ठीक रहेगा |
पिता की बात सुन
पुत्री की त्योरियां चढ़ गयी
वो सोफे से उखड़ गयी
डैड ! इट्स टू बैड
आपने मेरे लिए कैसा वर ढूंढा है
और कोई नहीं
एक हिंदी ब्लोगर ढूंढा है
पिताजी तब तो ससुराल में जीना मुहाल होगा
सोचिये मोनिटर स्पीकर के बीच रह
मेरा क्या हाल होगा
वे तो चिपके रहेंगे माउस और की-बोर्ड से
रात दिन प्यार जताएंगे अपने ब्लॉग से
मिनट मिनट पर ब्लॉग को खोलेंगे
मुझसे केवल चाय बनाने को बोलेंगे
रोज़ किसी मुद्दे पर खुद ही उलझ जायेंगे
मामला संवेदनशील है
मुझे समझायेंगे
वे बाते करेंगे हरदम शायराना
पिताजी बहुत मुश्किल होगा निभाना
वे तो शब्दों का जबरन व्यापार करेंगे
दोस्ती दुश्मनी सरेआम बाज़ार करेंगे
सुबह शाम इमेल गपशप प्रचार करेंगे
मासूम टिप्पणीयों पर अत्याचार करेंगे
पिताजी अपनी बिटिया पर तरस खाना
आप क्यूँ नहीं देखते आज का ज़माना
जनसँख्या प्रदुषण कितनी तेज गति से बढ़ रही
सड़के भी वाहनों से है खचाखच भरी
ट्रैफिक अनियंत्रित है औंधे मुंह खड़ी
न्याय व्यवस्था की ऐसी तैसी
भ्रष्टाचार में डूब गयी भारत की घड़ी
जिस देश में पांचवी फेल नेता मंत्री बनता है
वहीं एक ग्रेजुएट बेरोजगारी पर सिसकता है
पापा आप जिसे इंटरनेट क्रान्ति कहते है
वो तो सिर्फ पांच प्रतिशत आकड़ा है
जहाँ ज्ञानी कवि बुढापे तक उचित
पारिश्रमिक को तरसते हैं
वहीं फूहर लाफ्टर शो लाखों चट करते हैं
और आप यहाँ ब्लोगर की बात करते हैं
जब ब्लोगर इतने ही गंभीर हैं तो
महंगाई के खिलाफ क्यों नहीं लड़ते हैं
जब घंटों ऑनलाइन रहते हैं
तब क्यों नहीं समस्याओं की सूची
अपने विधायक सांसद को मेल करते हैं
और पाठक भी माशा अल्लाह !
सिर्फ टिप्पणियों पर यकीन करते हैं
एक और बातें मुझे बहुत खलती है
पसंद नापसंद का शोर क्यूँ
जब पाठक रोज पहुँचती है
पापा मैं हूँ लड़की आधुनिक दिल की खुली
ऐसे ब्लोगर बलमा से तो मैं कुंवारी भली
मैं सब समझ चुकी हूँ
मुझे सब पता है
मैं भी कभी ब्लोगर रह चुकी हूँ |
- सुलभ
44 comments:
वाह सुलभ जी ... आज तो सब ब्लॉगेर्स को ही लपेट लिया आपने ... इस हास्य मिश्रित व्यंग की धार बहुत तेज़ है ... वैसे मुझे कहीं कहीं ये कहानी जानी पहचानी लग रही है .... मेरा निशाना ठीक है ना ....
@जी दिगंबर जी, ये रीमिक्स है, एक प्रसिद्द हास्य रचना की.
आज कल ब्लोगरी से मन खट्टा हो गया है, तो ऐसे ही बेवजह पोस्ट अवतरित होती है.
हा-हा-हा-हा , बेचारा सॉफ्टवेर इंजिनियर !
@ जी गोदियाल जी,
ब्लोगरी की लत ने ऐसी की तैसी कर दी.
यानि कुंवारों को ब्लोगिंग करना बड़ा महंगा पड़ सकता है ।
सही चेताया है यंग ब्लोगर्स को ।
बढ़िया हास्य व्यंग रचना ।
हा हा हा बेचारे ब्लोगर्स.
हास्य व्यंग्य कथा बहुत रोचक और मज़ेदार लगी।
रोचक प्रस्तुति....ब्लोगर्स सावधान हो जाएँ...
ha ha ha badhiya sir blogger ki vyatha bloger hi jaane...
Yah to bada kataksh hai! Blogger baalam se kunvara rahna behtar!
सुलभ जी ! ब्लॉग जगत अऊर ब्लॉगरोंका असलियत बाँच दिए हैं आप… सादी सुदा आदमी ब्लॉगर बन जाए त कोनो उपय नहीं है, भईल बिआह मोर करबा का... लेकिन जान बूझकर कोई ब्लॉगर से बियाह नहींकरने को तैयार होने वाला... बहुत सुंदर!!
इस ब्लॉगर की कहानी जानी पअह्चानी सी लग रही !..
दूसरे चरण की पंकितया बहुत सशक्त है हम ब्लोग्गेरो को कुछ करने की प्रेरणा दे रही ..
सुलभ जी शुरुआत में एक शरारत भरी हास्य कविता लगी पर अंत तक पढ़ता गया और डूब गया हास्य के साथ साथ एक बेहद भावपूर्ण कविता बन पड़ी है ब्लॉग लेखक और कवि की शादी किसी ब्लॉगर से होना बड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि दोनों की आदत ब्लॉगिंग ही रहेंगी ..बाप बेटी संवाद को बखूबी हास्य में प्रस्तुत किया है आपने बहुत दिन बाद आपको पढ़ा पर मज़ा आ गया..बहुत सुंदर रचना ...आपकी यह पोस्ट काफ़ी समय तक याद की जाएगी..विनोद की ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें..भाई
बधाई है....
बधाई है....
आपने क्या मारू पोस्ट लगाई है,
ब्लागरों की खूब किया खिचाई है,
यही समसामयिक कविताई है,
सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी
हा हा हा………………अब तो कोई भी नही लिखेगा अपने प्रोफ़ाइल मे कि वो ब्लोगर है………………बेहतरीन हास्य व्यंग्य……………अच्छी खिंचाई की है।
आपकी रचना काफी मजेदार है।
बहुत ही बढ़िया
सचमुच लाजवाव.
बेहतरीन अभिव्यक्ति बहुत गहरी बातें सीधा और पैना कटाक्ष
मज़ा आ गया इस हास्य कविता में...
सुलभ जी आपने सभी ब्लोगेर्स को सोंचने पे मजबूर कर दिया
मनोरंजक रचना, शुभकामनायें सुलभ जी !
Sulabh, tumhare bhitar vyangy ki achuk medha hai, use viksit karo. aajkal jo sabse sashakt vidha hai, jise sab pasand karte hain, vah vyngy hi hai. blogari theek hai, bahut se dost milte hain yahan, bahut se prashansak bhi milte hain, lekin apne vyngy ko print par bhi le jao. shubhkamnayen.
जी, बहुत मजेदार है।
सचमुच लाजवाव.
बेहतरीन अभिव्यक्ति बहुत गहरी बातें सीधा और पैना कटाक्ष
सचमुच लाजवाव.
बेहतरीन अभिव्यक्ति बहुत गहरी बातें सीधा और पैना कटाक्ष
आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ, क्षमा चाहूँगा,
ब्लॉगर भावी वर की तारीफें इतनी सुनकर लडकी से भी रहा न गया ..कह ही दिया कि वह भी ब्लोगर रह चुकी है.
वाह!क्या जबरदस्त व्यंग्य लिखा है इस कविता में ..बहुत मजेदार.
@[आज कल यहाँ का माहोल ही ऐसा है सुलभ कि ब्लॉग्गिंग भी बस रस्म की तरह निभाई जा रही है.खिंच खिंच कर वापस ब्लॉग पर आ जाते हैं और थोडा सेलेक्टिवे हो गए हैं..बस]
तुम तो जानती हो बेटी
तुम्हारे लिए वर की तलाश है
और आज बात बहुत ख़ास है
मैं मिलकर आया हूँ एक शख्स से
नाम है उसका बेचारा बहुरंगी
सुलभ सतरंगी ही लिख देते तो और मज़ा आता ......
ज़बरदस्त .....धमाकेदार .....और ब्लोगरों के लिए चिंताजनक .....!!
aadrniy sulbh ji aapki tippni stik or dishaa kaa nirdhaarn krne vaali thi me aapke vichaaron ke saath hun aap ne bilkul shi likhaa he maargdrshn ke liyen dhnyvaad aapki kvitaa men aadhunik pitaa kaa pyaar qaabil e taarif he. akhtar khan akela kota rajsthan
रोचक है.
बधाई.
ब्लॉगर्स की इतनी इन्सल्ट?
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भविष्य बताने वाली घोड़ी।
खेतों में लहराएँगी ब्लॉग की फसलें।
पापा मैं हूँ लड़की आधुनिक दिल की खुली
ऐसे ब्लोगर बलमा से तो मैं कुंवारी भली
मैं सब समझ चुकी हूँ
मुझे सब पता है
मैं भी कभी ब्लोगर रह चुकी हूँ |
वाह वाह क्या व्यंग है ब्लागरों का ऐसा रेपुटेशन ??? तब तो लडकी सही कह रही है हा हा हा।
सुंदर और चुट्कीली रचना........
सुलभ इस बार ब्लोग्चिंतन में तुम्हर ब्लाग भी शामिल कर रहा हूं. धन्यवाद
ब्लॉगरों की पोल कोई आप जैसा ब्लॉगर ही खोल सकता है।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।
रोचक व सुन्दर रचना
mere anuj chirnjeev sulbh
hindi ke blogr ho to kya huaa
ldkiyan bhavook hoti hain
jyadatr m.a hindi me krti hain
koi kvyitri jroor fns jayegi
jb logon ko pta chlega ki
tumhari sreemti kvyitri hai
to tumhare jivn me bdlav aa jayega
tumhara bhgy plt jayega
kvi smmelon ke nimntrn ka tanta lg jyega
bibi ke bhgya se ghr mala mal ho jayga
kyonki lkshmi to stri ke bhagy ki hi hoti hai
smjh gye n
sath me mera snehyukt aashish hai
dr. ved vyathit
kahin par nighaen kahin par nishana.bahut khub.
वाह भाई सतरंगी !!ब्लोगरों की क्लास ले ली है भली चंगी!! जादुई झप्पी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ऐसा लगा जैसे सचमुच गले मिल रहे हैं !!
वाह भाई सतरंगी !!ब्लोगरों की क्लास ले ली है भली चंगी!! जादुई झप्पी देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ऐसा लगा जैसे सचमुच गले मिल रहे हैं !!
पापा मैं हूँ लड़की आधुनिक दिल की खुली
ऐसे ब्लोगर बलमा से तो मैं कुंवारी भली
मैं सब समझ चुकी हूँ
मुझे सब पता है
मैं भी कभी ब्लोगर रह चुकी हूँ |
Shaandaar Rachna !
Ladki bahut intelligent lagti hai...aapko mil jaye to aapki kismat sanwar jaayegi.
Badhaii
अमन का पैग़ाम
यह अमन का पैग़ाम है जिसको ले के आप सब आगे बढें.
एकदम नया और अद्भुत ब्लॉग संकलक बनकर तैयार है।
http://blogjaget.feedcluster.com/
vo ldki kya jane blogger ka dukh .ve bechare to chhpne ke liye bhejte hai rchnaye jo skhed waps aa jati hai ya fir rddi ki tokdi me dm tood deti hai isliye he knya!
shadi kro na kro koi bat nhi blogger ko bdnam na kro vo vaise hi staye hue hai .
prasangik rachna..
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