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अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्

Wednesday, July 22, 2009

"पूर्ण सूर्य ग्रहण"


सूरज हुआ मद्धम चाँद पसरने लगा
सूर्योदय के वक़्त सूर्यास्त होने लगा

सूर्यास्त होने लगा दिल घबराया मचला
चंद्रमा की कलाओं ने सूरज को निगला

"पूर्ण सूर्य ग्रहण" अद्भूत है ये दृश्य निराला
दिन में दिखे गए तारे आस्मां हुआ काला

ज्योतिष जुट गए शुभ अशुभ के विश्लेषण में
खगोल विज्ञान खोया रहा निरंतर अन्वेषण में॥

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जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "