इस साल में छ माह गुज़र जाने के बाद यह पहला मौका है कि मैं ऑफिस व्यस्तता और यात्राओं की चपेट में एक साथ ऐसा आया कि ब्लोगरी अस्त व्यस्त हो गयी, आगे के आसार भी
नियमित ब्लोगरी से दूर बने रहने की है. तीन दिन पहले जिस सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली से निकलना हुआ, गंतव्य तक पहुँचते पहुँचते २० घंटे विलम्ब झेलने के बाद अन्य कई कार्यों में भी कठिनाई बनी रही. पटना में समिति द्वारा विवाह कार्यक्रम भी संपन्न हुआ. विस्तृत खबर यहाँ देखें. उधर सुबीर संवाद सेवा पर तरही मुशायरा भी शुरू हो चुका है, हमारे गृह क्षेत्र में घनघोर बारिश का आना जाना लगा हुआ है. इस बीच एक सूचना हिंद युग्म से मिली जहाँ ममता शीर्षक वाली कविता को प्रकाशित एवं पुरस्कृत भी किया गया है...
अपने ब्लॉग साथियों के पोस्टों एवं अन्य महत्वपूर्ण ब्लोगों पर चर्चा में भाग नहीं ले पाने का मलाल है. फिर भी ईमेल फीड से बहुत से पोस्ट पढ़ पा रहा हूँ.
अभी बिहार दौरे पर हूँ, यूँ तो बिहार विकास का चर्चा सब तरफ हो ही रहा है. फिर भी शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बहुत से कार्य करने की जरुरत शेष है. ज्यादा से ज्यादा से लोग हाथ बटायेंगे तो परिणाम अच्छे होंगे.
आप सब हमारे बीच बने रहें, सभी के लिए शुभकामनाओं के साथ आपका - सुलभ
19 comments:
सुलभ जी आपके पोस्ट का इंतजार है ।
यह आपका ब्लॉगर्स के लिए अपनापन है, जो इतनी व्यस्तताओं के बीच भी समय निकाल लेते हैं।
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नाग बाबा का कारनामा।
व्यायाम और सेक्स का आपसी सम्बंध?
पुरस्कृत होने पर बधाई.
व्यस्त रहना भी खुशनसीबी है.समय तेज़ी से कटता है.ब्लोगरी सब की नियमित कहाँ रह पाती है.
मज़ा आ गया भई
vyastata to hai, fir bhi samay nikaalte rahiye.
बहुत देर हो गया… यज्ञ संपन्न हो गया?
ऐसी व्यस्तता भी जरूरी है. बिहार यात्रा की रपट पेश कीजिये न.
बि हार से
ब्लॉगरी की जीत
सुलभ करा रहे हैं आप।
यात्रा करना भी एक सुखद अहसास है ।
चलते रहिये , मंजिलें खुद पे खुद पास आ जाएँगी ।
बधाई ।
कोई चिंता नहीं...ब्लागिंग में तो जब जागे तभी सवेरा...यह कौन अख़बार है कि एक दिन न निकला तो शहर में हंगामा बरप जाएगा :)
आप ब्लॉग नहीं लिख रहें तो क्या ,सार्थक व सामाजिक काम को पूरी ईमानदारी से अंजाम दे रहें है यह तो ब्लोगिंग के भी बरी बात है | आपसे फोन पर अभी-अभी बात हुयी है अच्छा लगा | आप सामाजिक बदलाव व बेहतरी के लिए सोच व कर रहें हैं बिहार में यह निश्चय ही सराहनीय है | हमारी आवश्यकता हो तो जरूर फोन करियेगा |
"आप सब हमारे बीच बने रहें"
ये कहने की क्या जरुरत पड़ गयी???? हम सभी एक दुसरे के साथ ही है, पुरस्कार के लिए बधाई!!! व्यस्तता जब तक सेहत को प्रभावित न करे तो अच्छी ही है
सुलभ भाई, इस शमा को जलाए रखें।
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संसार की सबसे सुंदर आँखें।
बड़े-बड़े ब्लॉगर छक गये इस बार।
अब आ भी जाइये
Intzar....
बहुत बहुत शुक्रिया और मुबारकबाद ,,,,आप जीवन के हर क्षेत्र में पुरस्कृत हों ,यही दुआ है ,..
रचना पुरस्कृत होने पर बधाई .... देर से आने की क्षमा .... काम में व्यस्त होना एक अच्छी निशानी है पर समय निकाल कर ब्लॉग लिखते रहेंगे तो अच्छा लगेगा .... आपकी यात्रा सफल हो .......
ढेरों बधाई और शुभकामनायें
आपकी टिपण्णी के लिए आपका आभार
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