दर्द अपना मिल कर बाँट लेंगे
ये जिंदगी प्यार से काट लेंगे
ज़रा आसमान से उतर कर देखो
खाई गहरी नहीं है पाट लेंगे
सब अपने ही खेत से निकले हैं
जो सड़े हैं उनको छांट लेंगे
राजा कबतक महल में टिकेगा
(दिखावा कबतक चेहरे पे टिकेगा)
(दिखावा कबतक चेहरे पे टिकेगा)
वक़्त के दीमक सब चाट लेंगे
- सुलभ