Monday, January 26, 2009
शम्मां मुहब्बत का जलायें
(1)
आवाज़ उठाये हम वतन के वास्ते
खून बहायें अपना वतन के वास्ते
कमी न हो कभी तिरंगे की शान में
दुश्मनों को सबक सिखायें वतन के वास्ते
(2)
वतन के वास्ते जीयें जायें हम
कार्य दुष्कर सारे किये जायें हम
बाधाओं से ना कभी घबरायें हम
साहसिक तेवरों के साथ बढ़ते जायें हम
(3)
तरक्की की राह में हम चलते जायें
शर्त ये के पहले नफरतों को मिटायें
अमन, चैन, खुशहाली सब मुमकिन है
तीरगी मिटायें, शम्मां मुहब्बत का जलायें
Online in Hindi Posted by (Sulabh Jaiswal)
Sulabh Jaiswal "सुलभ"
समय
9:27 PM
3
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गणतंत्र दिवस
Online in Hindi Posted by (Sulabh Jaiswal)
Sulabh Jaiswal "सुलभ"
समय
2:03 PM
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India,
Republic day
Tuesday, January 20, 2009
परिवर्तन
समय का पहिया पल पल आगे बढ़ता जाय
यू ही देखते देखते जनवरी दिसम्बर बन जाय
जनवरी दिसम्बर बन जाय काम अच्छे करो सारे
कर्मफल मिलेगा यहीं बात समझो प्यारे
कह सुलभ कविराय 'परिवर्तन' है एक अटल नियम
कभी 'ओबामा' चमके तो कभी गिरा 'सत्यम'
यू ही देखते देखते जनवरी दिसम्बर बन जाय
जनवरी दिसम्बर बन जाय काम अच्छे करो सारे
कर्मफल मिलेगा यहीं बात समझो प्यारे
कह सुलभ कविराय 'परिवर्तन' है एक अटल नियम
कभी 'ओबामा' चमके तो कभी गिरा 'सत्यम'
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