बीते कुछ महीनो से
जमा रहा मैं तेरी यादों के संग
कोई असर नहीं रहा
सर्दी की सर्द बातों का
सुबह घने कोहरे से भी
ज्यादा घना छाया
बीते मुलाकातों का धुंध
अब तो यही लगता है
आने वाले साल का हर पल
तुम्हारे नाम रहेगा
तुम मिलो या न मिलो
सफर यादों का यूँ ही
लम्बा होता जायेगा
और हाँ इंतज़ार तो रहेगा ही
कोई कमी न होगी अहसास में
और न टूटेंगे सपने कभी
साल दर साल
गहरे उतरता जाऊँगा मैं
तुम्हारी यादों में
जारी रहेगा ये सिलसिला
उम्र भर !
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आप सभी साथियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं
- सुलभ