'सतरंगी यादों के इंद्रजाल
Pages
Home
हम आपके सहयात्री हैं.
अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम्, उदारमनसानां तु वसुधैव कुटुंबकम्
Wednesday, May 11, 2011
सवाल बहुत है
स-वाल बहुत है
ब-वाल बहुत है
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
देश बंट न जाये
हड़ताल बहुत है
बांटते चलो ज्ञान
अ-काल बहुत है
आँगन सिमट गया
दी-वाल बहुत है
यारो ब्याह-शादी
जंजाल बहुत है
'सुलभ' तेरे जेह्न
में
भू-चाल बहुत है
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
लिंक विदइन
कुछ और कड़ियाँ
Receive New Post alert in your Email (service by feedburner)
जिंदगी हसीं है -
"खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "