रात आती है तेरी याद लिए आती है
यादों की रंगीन बरात लिए आती है
यह मुश्किल है कि तेरी याद ना आये
कैसे भूलूं वो मुलाक़ात लिए आती है ।
यादों के भंवर मे किनारा नही मिलता
आसमा मे दुसरा सितारा नही मिलता
तनहा दिल है मेरा तेरे इंतज़ार मे
जीने का और सहारा नही मिलता।
कोशिश तुम्हारे पास आने की है
प्यार भरे दिल मे समाने की है
ये दूरियां कब ख़त्म होगी
एहसास जवा तुम्हे पाने की है।
और इंतज़ार बेक़रार किये जाती है
नींद भी मुझसे इनकार किये जाती है
आँखों मे सिर्फ तेरे ख्वाब लिए आती है
रात आती है और तेरी याद लिए आती है।
Friday, June 22, 2007
तेरी याद लिए आती हैं।
Online in Hindi Posted by (Sulabh Jaiswal)
Sulabh Jaiswal "सुलभ"
समय
5:00 PM
0
टिप्पनियाँ (comments) अपनी प्रतिक्रिया दें...


पट्टियाँ (Labels for Hindi Poems):
Love Poem,
प्रेम कविता
Subscribe to:
Comments (Atom)