अपने जन्मदिन (31-अगस्त) की पूर्व संध्या पर यह कविता मेरे दादाजी परमआदरणीय श्री शिवनाथ जायसवाल (अररिया, बिहार) जी को समर्पित है। वे आज 82 की वय में भी दुबले शरीर के साथ कर्मठ सत विचारों से ओतप्रोत है। मेरी इश्वर से प्रार्थना है - उनका आर्शीवाद चौथी पीढी को भी प्राप्त हो।।
मीलों पैदल चलें जीवन भर किए सहस्त्रों काम
मेहनत की एक एक पाई से सफल किए सब काम
साफ़ नीति और सीधी बात कहके लेते वाजिब दाम
माप तौल में इतने निपुण कभी न घटे एक ग्राम
आज दो दशक से ऊपर भये दादीजी का स्वर्गवास
उनकी भूमिका भी स्वयं निभाये ना दिखे कभी उदास
कहते अक्सर मुझसे वे करो लगन से अपना काम
तुझे अर्थ की क्या जरुरत " सुलभ " है तेरा नाम
न धरती रुकी न सूरज रुकेगा सब करते अपना काम
उठे तुरत जो गिरे कभी, कहते चलना अपना काम ॥
- सुलभ (गुडगाँव, हरयाणा)
मीलों पैदल चलें जीवन भर किए सहस्त्रों काम
मेहनत की एक एक पाई से सफल किए सब काम
साफ़ नीति और सीधी बात कहके लेते वाजिब दाम
माप तौल में इतने निपुण कभी न घटे एक ग्राम
आज दो दशक से ऊपर भये दादीजी का स्वर्गवास
उनकी भूमिका भी स्वयं निभाये ना दिखे कभी उदास
कहते अक्सर मुझसे वे करो लगन से अपना काम
तुझे अर्थ की क्या जरुरत " सुलभ " है तेरा नाम
न धरती रुकी न सूरज रुकेगा सब करते अपना काम
उठे तुरत जो गिरे कभी, कहते चलना अपना काम ॥
- सुलभ (गुडगाँव, हरयाणा)
6 comments:
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं ....!!
Many Happy Returns of the Day
भाई आपको जन्म दिन की बहुत-बहुत बधाई
क्रियेटिव मंच की तरफ से हार्दिक शुभ कामनाएं
a nice and inspirational poem...
many many happy returns of the day.. happy birthday to you...
देर से सही, जन्म दिन की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाऐं.
बहुत अच्छा समर्पण लगा दादा जी को. शुभकामनाऐं.
उत्प्रेरित रचना हमारे बस पूर्वजो की संस्कार की जो धरोहर मिली उसी को बस सहेज ले अर्थ से कही कीमती है !
जन्म दिन की बहुत बधाई
आप के दादा जी को सादर नमन,
ईश्वर आपकी मनोकामना पूरी करे.
कविता बहुत अच्छी लगी.
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