सन 62 का चीन लिखूं या आज 62वां हिन्दुस्तान लिखूं. सन सैतालिस से धोखा खाते कितना पाकिस्तान लिखूं. हिंदी-चीनी भाई-भाई, कहकर पीठ में छुरा घोपा अरुणाचल पर अतिक्रमण या कश्मीर में कब्रिस्तान लिखूं.
जिंदगी हसीं है - "खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "
3 comments:
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ...जय हिंद !!
August 15, 2009
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
सिर्फ नापाक लिखें
और लिखने की तो
जरूरत ही नहीं है।
Post a Comment