मौसमी हम क्या खोजें
कुदरती हम क्या खोजें
रात दिन बस जल रहे
जिंदगी हम क्या खोजें
जिंदगी हम क्या खोजें
चाँद में ही दाग है
चांदनी हम क्या खोजें
तीरगी ही तीरगी
रोशनी हम क्या खोजें
बेहयायी जिस तरफ
सादगी हम क्या खोजें
मौत खुद ही आएगी
दुश्मनी हम क्या खोजें
राह चलते मिली ग़ज़ल
शायरी हम क्या खोजें
शायरी हम क्या खोजें
मुफलिसी के दौर में
सनसनी हम क्या खोजें
सनसनी हम क्या खोजें
- सुलभ
10 comments:
बहुत कुछ खोज डाला है bhaai aapne तो.
रात दिन बस जल रहे
जिंदगी हम क्या खोजें
Kya gazab kee baat kahee aapne!
मुफलिसी के दौर में
सनसनी हम क्या खोजें
सनसनी तो विरासत में मिली है
बहुत सुन्दर गज़ल
बहुत खूबसूरत रचना, शुभकामनाएं.
रामराम
bhai waah!
तीरगी ही तीरगी
रोशनी हम क्या खोजें
बेहयायी जिस तरफ
सादगी हम क्या खोजें
बहुत खूब ।
bahut achchhi gazalen kahi hain sir badhai
अतिसुन्दर रचना ।
अतिसुन्दर रचना ।
Bahoot khoob
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