इन दिनो ब्लोगरी के लिये मनोनुकूल वक्त नही मिलता.
आदरणीय श्री दिगम्बर जी ने पुछा कि सुलभ कोई नयी गजल है तो पोस्ट लगाईये उनके विशेष अनुरोध पर कुछ पंक्तियां...
ये तो जुल्म हुआ रोशनाई पर
जो हम लिख रहे हैं मंहगाई पर
हुआ नाम जिनका सचाई पर
वही उतरे अब बेहयायी पर
मोती अश्क के वे छुपा न पाये
बिटिया की रस्मे बिदाई पर
फटेहाल बच्चे क,ख, सिखते
व्यवस्था की फटी चटाई पर
अजी क्या कहें और किसे कहें
रूठे यार की बेअदाई पर
---
~~ आप सभी साथियों को दीप पर्व की मंगलकामनाएं !!
आदरणीय श्री दिगम्बर जी ने पुछा कि सुलभ कोई नयी गजल है तो पोस्ट लगाईये उनके विशेष अनुरोध पर कुछ पंक्तियां...
ये तो जुल्म हुआ रोशनाई पर
जो हम लिख रहे हैं मंहगाई पर
हुआ नाम जिनका सचाई पर
वही उतरे अब बेहयायी पर
मोती अश्क के वे छुपा न पाये
बिटिया की रस्मे बिदाई पर
फटेहाल बच्चे क,ख, सिखते
व्यवस्था की फटी चटाई पर
अजी क्या कहें और किसे कहें
रूठे यार की बेअदाई पर
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~~ आप सभी साथियों को दीप पर्व की मंगलकामनाएं !!
- सुलभ
13 comments:
आपको व आपके परिवार को दीपावली कि ढेरों शुभकामनायें
मोती अश्क के वे छुपा न पाये
बिटिया की रस्मे बिदाई पर
बहुत सुन्दर
bahut badiya rahi ye gajal...
apko bhi deepotsav ki shubhkamnayein...
nice...
ये तो जुल्म हुआ रोशनाई पर
जो हम लिख रहे हैं मंहगाई पर
व्यंगात्मक लहजे में बहुत ही वास्तविक बात कही आप ने
Bahut achhi rachna likhi hai aapne !
अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
औचित्यहीन होती मीडिया और दिशाहीन होती पत्रकारिता
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फटेहाल बच्चे क,ख, सिखते
व्यवस्था की फटी चटाई पर
बहुत बढ़िया रचना , बधाई
खूबसूरत ग़ज़ल, पर जिस के अनुरोध पर लिखा वो तो अब तक यहाँ पहुंचे ही नहीं हैं, चलो मैं उन्हें बताता हूँ
Vaah Sulabh Ji .... Aur shukriya NAVEEN Ji ... aapne ghazal mere hi kahne pe likhi aur main hi Samay pe nahi pahuncha... Maafi chaahte hun ....
Is lajawab gazal ki kya Kahoo ... Har sher aaj ki samaajik sthiti pe Sahi baithta hai ... Sulabh Ji apne hi andaaz ki gazal hai ... Vyang ban liye ... Shukriya Sulabh Ji ..
मोती अश्क के वे छुपा न पाये
बिटिया की रस्मे बिदाई पर
फटेहाल बच्चे क,ख, सिखते
व्यवस्था की फटी चटाई पर
sunder rachna....
jarjar hoti arthvyawstha aur vyaktigat arthshaastra par achha kataaksh!
Achha post.
ग़ज़ल अच्छी है, लेकिन अब तो एक और ग़ज़ल को मौका मिलना चाहिये। इंतज़ार है!
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