ये ज़िन्दगी है लम्बी ,जंजाल बहुत हैं । हैं गरीबी के कई टापू ,हिन्दुस्तान बहुत हैं । तू काम से मत चूक तूफ़ान बहुत हैं . दुश्यन्तजी ने कहा था - कल नुमायश में मिला वह चीथड़े पहने हुए , मैंने पूछा नाम तो बोला के हिन्दुस्तान है । एक गुडिया की कई कठपुतलियों में जान है , आज शायर यह तमाशा देख कर हैरान है .
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जिंदगी हसीं है - "खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "
21 comments:
स-वाल बहुत है
ब-वाल बहुत है
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
बांटते चलो ज्ञान
अ-काल बहुत है
आँगन सिमट गया
दी-वाल बहुत है
Bakhoobee likha hai!
Bahut dinon tak aap gayab rahe...aaj padhke achha laga!
कभी कभी मन में उठते सवाल सच में एक भूचाल सा खड़ा कर देते हैं।
सार्थक रचना।
बांटते चलो ज्ञान
अ-काल बहुत है
फिर भी कोई ज्ञान लेने को राज़ी नहीं होता ।
इतनी छोटी बह्र में ग़ज़ल लिखना अपने आप में एक उपलब्धि है । बहुत खूब लिखा है ।
सुन्दर रचना . बधाई.
"सुलभ को इतनी उलझन?
कमाल...बहुत है!"
http://aatm-manthan.com
बहुत कुछ बहुत है. :)
सचमुच .. जेह्न में
भू-चाल बहुत है .. उनसे उपजे सवाल बहुत है !
स-वाल बहुत है
ब-वाल बहुत है
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
बहुत सटीक रचना जी, धन्यवाद
bahut achchhee lage chhoti see rachna
एकदम नए काफिये से सजी ग़ज़ल.......वैसे तो सरे के सारे शेर अच्छे हैं मगर ये तो कमाल का है.
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
ये ज़िन्दगी है लम्बी ,जंजाल बहुत हैं ।
हैं गरीबी के कई टापू ,हिन्दुस्तान बहुत हैं ।
तू काम से मत चूक तूफ़ान बहुत हैं .
दुश्यन्तजी ने कहा था -
कल नुमायश में मिला वह चीथड़े पहने हुए ,
मैंने पूछा नाम तो बोला के हिन्दुस्तान है ।
एक गुडिया की कई कठपुतलियों में जान है ,
आज शायर यह तमाशा देख कर हैरान है .
आँगन सिमट गया
दी-वाल बहुत है
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
Behtreen Panktiyan rachi hain....
आपकी अगली रचना का इंतज़ार बहुत हैं ,
इस देश में बवाल बहुत हैं ,
तूफ़ान बहुत हैं ,भू -चाल बहुत हैं .
aapki kalam ka kamaal bahut hai ..
भाई सुलभ जी आप मेरे ब्लॉग को Follow कर रहे हैं...मैंने अपने ब्लॉग के लिए Domain खरीद लिया है...पहले ब्लॉग का लिंक pndiwasgaur.blogspot.com था जो अब www.diwasgaur.com हो गया है...अब आपको मेरी नयी पोस्ट का Notification नहीं मिलेगा| यदि आप Notification चाहते हैं तो कृपया मेरे ब्लॉग को Unfollow कर के पुन: Follow करें...
असुविधा के लिए खेद है...
धन्यवाद....
chhoti bahr ki khoobsoorat ghazal
badhai ho sulabh ji
स-वाल बहुत है
ब-वाल बहुत है
सोने की चिड़िया
कंगाल बहुत है
बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
हार्दिक शुभकामनायें !
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच
बहुत सुन्दर रचना.....
हर शेर खुद को बयां कर रहा है
गज़ल ये आपकी कमाल बहुत है ,
अब हम और क्या कहें,वाचाल बहुत हैं ।
वाह!
brilliant post,, short, crisp clear and extremly effective... sedha dil cheer jati hai...
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