कभी घुसपैठ तो कभी जेहाद और आतंकवाद लगे हैं सबके सब करने भारत को बरबाद भारत को बरबाद रोज हो रहा ख़ूनी खेल ढुलमुल विदेश नीति की देखो रेलमपेल कह सुलभ कविराय क्षमादान अब त्यागो समय रहते आतंकवाद को जड़ से मिटादो
जिंदगी हसीं है - "खाने के लिए ज्ञान पचाने के लिए विज्ञान, सोने के लिए फर्श पहनने के लिए आदर्श, जीने के लिए सपने चलने के लिए इरादे, हंसने के लिए दर्द लिखने के लिए यादें... न कोई शिकायत न कोई कमी है, एक शायर की जिंदगी यूँ ही हसीं है... "
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