Monday, March 24, 2008
मस्त फाल्गुनी हवाओं की गुनगुनाती होली आयी...
रंगभरी मस्ती मे डूबी मस्तानों की टोली आयी
मस्त फाल्गुनी हवाओं की गुनगुनाती होली आयी ।
गली गली मे रौनक है घर मे हो रहा हंगामा
जिसको देखो वही रंगीन जीजा भाभी या हो मामा ।
छक कर खाओ पुवे पकवान लस्सी और मिठाई
नाचो गाओ और बजाओ ढोलक मंझीरे शहनाई ।
हर जीवन में बनी रहे यही उमंग यही तरंग
अपना पराया किसे कहें हर किसी पे डाले रंग ॥
- सुलभ जायसवाल
२२ मार्च २००८
पट्टियाँ (Labels for Hindi Poems):
Holi Special,
होली विशेष
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2 comments:
yes.. love this style )
Happy Holi to everyone
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