आज से तीन साल पहले दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में एक पोस्ट किया था "उल्लेखनीय संकल्प" उनदिनों जीवन एक नया मोड़ पाने के तरस रहा था, फिर बीते दिनों के कुछ प्रयासों में मुझे मिला भी.
कई बार ऐसा होता है कि स्वयं को भावनात्मक संतुष्टि देने प्रयास में हम जरुरत से ज्यादा समय व्यतीत कर देते हैं वहाँ पर जहाँ कर्तव्य न्यूनतम हो जाता है. अतः बीच बीच में परिक्षण (चेकिंग) करते रहना चाहिए कि हमारे दैनिक साप्ताहिक, मासिक कार्य और घरेलू जिम्मेदारियां के बीच कोई खाई तो नहीं पनप रहा.
स्वयं के ब्लॉग संचालन से (या अनौपचारिक डायरी लेखन से) एक फायदा यह भी है कि हम पीछे मुड़कर ये देख पाते हैं कि हमने आने वाले समय के लिए क्या क्या कार्य तय किया था और आज उन सब की क्या स्थिति है. ये सुधार और अभ्यास का विषय होना चाहिए तभी हम अपने छोटे छोटे लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और इन्ही प्राप्तियों के समुच्चय से बड़े लक्ष्य तक पहुँचने का सफ़र आसान हो जाता है.
बहरहाल आप सभी ब्लॉगर साथियों/पाठकों को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!
नई आस हो नई ताजगी, नई हो पहल नया ढंग हो
नए साल में नए गुल खिले, नई ख़ुशबुएँ नया रंग हो
कोई जिंदगी न सुरंग हो, न ये कारवाँ ही अपंग हो
ब-र-से वहां धूप प्रेम की, जो ठिठुरता कहीं अंग हो