tag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post1924852311819762116..comments2023-08-29T20:56:51.590+05:30Comments on 'सतरंगी यादों के इंद्रजाल: (क्यों सिर्फ) बहादुर जवानों पर आस हैSulabh Jaiswal "सुलभ"http://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-8346961424839023382010-04-12T17:20:45.923+05:302010-04-12T17:20:45.923+05:30aadrniy strngi ji aadaab saadr vnde aapke indrdhnu...aadrniy strngi ji aadaab saadr vnde aapke indrdhnush ki chataa bikherte strngi komal shbdon ne hmen to moh liyaa he aapki lekhni ke liyen aapko bdhaai. akhtar khan akela kota rajasthanआपका अख्तर खान अकेलाhttps://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-70288801546315698592010-04-01T12:20:32.448+05:302010-04-01T12:20:32.448+05:30बहुत सही कहा सुलभ जी आप ने !!बहुत सही कहा सुलभ जी आप ने !!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-82875245217871177012010-04-01T12:18:46.796+05:302010-04-01T12:18:46.796+05:30बम बारूद से घिरा भारत
बहादुर जवानों पर आस है
ये दो...बम बारूद से घिरा भारत<br />बहादुर जवानों पर आस है<br />ये दोनो शेर भी दिल को छू गये। उम्दा रचना के लिये बधाई।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-41892249494815845112010-03-23T18:09:59.581+05:302010-03-23T18:09:59.581+05:30आंसू भी कैसे निकले
बच्चे आस पास है
बच्चो के सामने...आंसू भी कैसे निकले<br />बच्चे आस पास है <br />बच्चो के सामने कमजोरी तो दर्शा नहीं सकते<br />दिल छू ली रचना नेM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-650751836847734512010-03-09T15:13:48.679+05:302010-03-09T15:13:48.679+05:30bahut badhiya....bahut badhiya....Fauziya Reyazhttps://www.blogger.com/profile/01124118614272827003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-70561567005846658152010-03-09T01:06:12.284+05:302010-03-09T01:06:12.284+05:30इस लाचारी-बेवसी पर क्या कहें !इस लाचारी-बेवसी पर क्या कहें !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-47269098112054250132010-03-07T23:01:25.126+05:302010-03-07T23:01:25.126+05:30दुश्मन संधि कर लेंगे ?
अबकी कूटनीति खास है
बम बार...दुश्मन संधि कर लेंगे ?<br />अबकी कूटनीति खास है<br /><br />बम बारूद से घिरा भारत<br />बहादुर जवानों पर आस है ...<br /><br />बहुत सही कहा सुलभ जी.....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-29126570497633470112010-03-06T20:26:40.128+05:302010-03-06T20:26:40.128+05:30बम बारूद से घिरा भारत
बहादुर जवानों पर आस है
बह...बम बारूद से घिरा भारत <br />बहादुर जवानों पर आस है <br /><br />बहुत सही कहा सुलभ जी आप ने !!अंजना https://www.blogger.com/profile/07031630222775453169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-66759011639240322652010-03-06T18:48:40.018+05:302010-03-06T18:48:40.018+05:30बहुत खूब सुलभ जी !!बहुत खूब सुलभ जी !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-27883740300490046802010-03-06T18:46:46.373+05:302010-03-06T18:46:46.373+05:30aaj ka sach ujagar karatee hui ye gazal bahut pasa...aaj ka sach ujagar karatee hui ye gazal bahut pasand aaeeApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-5902658189463090792010-03-06T17:26:35.515+05:302010-03-06T17:26:35.515+05:30आज का सत्य है सुलभ जी जो आपने छोटे छोटे शेरों में ...आज का सत्य है सुलभ जी जो आपने छोटे छोटे शेरों में कह दिया है ..... छोटी बहर में लिखी लाजवाब ग़ज़ल ... हक़ीकत के करीब है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-80835773426401048932010-03-06T16:56:11.025+05:302010-03-06T16:56:11.025+05:30ठोकरें खाती सांस है
जिंदगी बदहवास है
मंजिल को ढ...ठोकरें खाती सांस है <br />जिंदगी बदहवास है <br /><br />मंजिल को ढूंढ़ रहा <br />सफ़र थका उदास है <br />Dard se sarabor,lekin phirbhi inme dilkashi hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-47572421943665989722010-03-06T11:49:53.372+05:302010-03-06T11:49:53.372+05:30शहरोज जी, शुक्रिया.
आपके गुजारिश पर आपका समाधान भी...शहरोज जी, शुक्रिया.<br />आपके गुजारिश पर आपका समाधान भी किये देता हूँ. इसे URL आइकोन कहते हैं या favourite icon भी कहते हैं. आपको मेल कर दिया है, चेक कर के जवाब दिजयेगा.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-60332599014188907422010-03-06T11:08:07.706+05:302010-03-06T11:08:07.706+05:30कटु सत्य को उजागर करती बहुत अच्छी रचना...कटु सत्य को उजागर करती बहुत अच्छी रचना...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-35583963062150557932010-03-05T21:47:48.728+05:302010-03-05T21:47:48.728+05:30ठोकरें खाती सांस है
जिंदगी बदहवास है
मंजिल को ढ...ठोकरें खाती सांस है <br />जिंदगी बदहवास है <br /><br />मंजिल को ढूंढ़ रहा <br />सफ़र थका उदास है<br />भाई आप तो कवि ..भी हैं ..और क्या अंदाज़ है..शुरूआती पंक्तियाँ तो निसंदेह प्रभावी है..<br /><br />एक आग्रह है..भाई .... जहां url लिखते हैं या यूँ कहें जब कोई ब्लॉग खुलता है तो उसके नाम से पहले ब्लॉग का लोगो जो कुछ अंग्रेजी अक्षर बी की तरह होता है, दीखता है..लेकिन जनाब यहाँ तो हिंदी में सु दीखता हैشہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-65850982675544866862010-03-05T20:32:24.400+05:302010-03-05T20:32:24.400+05:30bahut khub
www.maniknaamaa.blogspot.combahut khub<br /><br />www.maniknaamaa.blogspot.com''अपनी माटी'' वेबपत्रिका सम्पादन मंडलhttps://www.blogger.com/profile/16471251362095496908noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-57490717069661033422010-03-05T17:17:26.539+05:302010-03-05T17:17:26.539+05:30क्या करे बिहार । न कोई इंडस्ट्री , न उद्योग। एक गं...क्या करे बिहार । न कोई इंडस्ट्री , न उद्योग। एक गंगा है , जो तबाही फैला देती है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-43648067750765586472010-03-05T14:01:06.428+05:302010-03-05T14:01:06.428+05:30ठोकरें खाती सांस है
जिंदगी बदहवास है
मंजिल को ढ...ठोकरें खाती सांस है <br />जिंदगी बदहवास है <br /><br />मंजिल को ढूंढ़ रहा <br />सफ़र थका उदास है.....phir bhi manzil kee aas haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-45623702855132965462010-03-05T13:31:34.063+05:302010-03-05T13:31:34.063+05:30वाह बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना प्रस्तुत किया ...वाह बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना प्रस्तुत किया है आपने! दिल को छू गयी आपकी ये शानदार रचना! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-49549858682528563492010-03-05T12:36:48.855+05:302010-03-05T12:36:48.855+05:30बिहार के बारे में पहले, मतलब बिहार विभाजन के पहले,...बिहार के बारे में पहले, मतलब बिहार विभाजन के पहले, यानी झारखंड अलग होने के पहले कहा जाता था यहां प्रचुरता में दरिद्रता है। अब तो पचुरता भी नहीं रही, सारे खनिज बौल क्षेत्र झारखंड के पास चले गये, और बिहार में रह गई सिर्फ़ दरिद्रता! उसमें भी आधा से ज़्यादा का भाग साल के छह महीने सूखा से ग्रस्त रहता है तो बाक़ी के छ्ह महीने बाढ में डूबा रहता है। आपके इस दर्द को मह्सूस कर रहा हूँ।<br />बहुत अच्छी मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-64165296452797379872010-03-05T11:46:08.907+05:302010-03-05T11:46:08.907+05:30मंजिल को ढूंढ़ रहा
सफ़र थका उदास है
सुलभ जी सही ...मंजिल को ढूंढ़ रहा <br />सफ़र थका उदास है<br />सुलभ जी सही बात है बहुत सुन्दर शेर है<br />महंगाई सरपर खेल रही<br />किसको भूख प्यास है <br /><br />जूतों तले रौंदा गया<br />कमजोर लाचार घास है<br />लाजवाब आज के आदमी का दर्द झलक रहा है<br />दुश्मन संधि कर लेंगे ?<br />अबकी कूटनीति खास है<br /><br />बम बारूद से घिरा भारत<br />बहादुर जवानों पर आस है <br />ये दोनो शेर भी दिल को छू गये। उम्दा रचना के निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-23706081540135230942010-03-05T11:45:50.079+05:302010-03-05T11:45:50.079+05:30दुश्मन संधि कर लेंगे ?
अबकी कूटनीति खास है
बम बा...दुश्मन संधि कर लेंगे ? <br />अबकी कूटनीति खास है<br /><br />बम बारूद से घिरा भारत <br />बहादुर जवानों पर आस है ...<br /><br /><br />बहुत सार्थक पंक्तियाँ...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-687396081684919079.post-46128240694857504382010-03-05T11:45:47.442+05:302010-03-05T11:45:47.442+05:30सुलभ जी, क्या कहें आपकी पोस्ट पढ़ कर कुछ कहने की स्...सुलभ जी, क्या कहें आपकी पोस्ट पढ़ कर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ .पर यही नग्न सत्य है. किसी को किसी नहीं पड़ी है.सब अपनी अपनी झोली भरने में लगे हैं और आम आदमी पिसता जा रहा है.सरकार तो ये सोचती है की जवान भर्ती कर रखे हैं जब मुश्किल आएगी तो वो ही घास फूस की तरह कटेंगे. आखिर सरकार वेतन जो दे रही है!रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.com